शायरी का जादू श्रोताओ के सर चढ़कर बोला
नगर विधायक सुधीर सिंगला ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई 

‘खेल खिलौने ले जा बाबू, मुन्ना दिल बहलायेगा,तेरा मुन्ना खेलेगा तो, मेरा रोटी खा लेगा ।”
“वफादारी तेरा किरदार है,  तो खुदखुशी कर ले, सियासी लोग को तो ,जी हजूरी की जरूरत है ।”

” जड़ें शातिर दरख्तों की तुम्हें उगने नहीं देंगी , नये पौधों ! पनपना है तो इनसे फासला रखना ।

“नसीब बिगड़ा तो गूँगे बुराई करने लगे ,हमारे कद के बराबर आ न सके जो लोग,हमारे पैरों के नीचे खुदाई करने लगे ।”
” मेरी पलकें महकने लग गयी हैं , कोई गुजरा है ख्वाबों की गली से । “
” छाँव फल देके भी झुका होना ,पेड़ से सीखिये बड़ा होना । “
” प्यार दे देते हैं  बच्चे , तो बहुत जीते हैं , वरना माँ बाप भी कम उम्र में मर जाते हैं ।”

” करो वो काम कि दुनिया गले लगा के चले, फरिश्ता गुजरे गली से तो सर झुका के चले, कभी हराम की दौलत को घर मे मत लाना , जो चाहते हो कि औलाद सर उठा के चले ।”

एक के बाद एक बेहतरीन शायरी सुनकर श्रोता मंत्रमुग्ध हो गये ।

भोपाल से पधारे अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शायर विजय तिवारी की शायरी के कई रंग देखने को मिले । अवसर था सुरुचि साहित्य कला परिवार के तत्वावधान में सी सी ए स्कूल सेक्टर 4 गुरुग्राम  में  28 फरवरी रविवार को सायं 4 बजे से एक खूबसूरत शाम शायरी के नाम के आयोजन का। बहराईच से पधारे शायर शरफ़ नानपारवी ने अपनी ग़ज़लों से समां बांध दिया ।

“एक मैं और एक आईना आपके हैं दीवाने दो, लाखों पंछी भूखे हैं और हाथ मे मेरे दाने दो “” जंग में कौन हक पे है ये देखिये जीत अपनी जगह , हार अपनी जगह ।” उनके कौमी एकता के गीत पे श्रोता झूम उठे -” ये मेरा दिल, ये मेरी जान , ये मेरा प्यारा हिंदुस्तान, सदा आबाद रहेगा , जिन्दाबाद रहेगा ।”

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गुरुग्राम के विधायक सुधीर सिंगला जी ने अपने संबोधन में कहा, “कोरोना ने जहाँ हौसले तोड़ने की कोशिश की,  वहीं ऐसे कार्यक्रम से नई ऊर्जा का संचार होता है ।”

 कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रख्यात समाज सेवी नवीन गोयल ने एक खूबसूरत शाम  के लिये जहाँ सुरुचि परिवार को बधाई दी वहीं उहोने नगर में सफाई रखने, वृक्षारोपण, जल संरक्षण व प्लास्टिक का उपयोग न करते हुऐ सकारात्मक सोच के साथ काम करने का संदेश दिया ।

भाजपा जिला उपाध्यक्ष अनिल यादव ने दोनों आमंत्रित शायरों को कार्यक्रम के सूरज और चांद की संज्ञा देते हुये  अच्छे विचार व अच्छी शायरी से सजाई गई  यादगार शाम के लिये सुरुचि परिवार को बधाई दी ।

कार्यक्रम का सहज संचालन संस्था महासचिव मदन साहनी ने किया ।  वीणा अग्रवाल ने अपने मधुर कंठों से सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया ।

सभागार में पार्षद मंगत राम  बागड़ी , ललित कटारिया, पारस बख्शी, कर्नल कुँवर प्रताप सिंह , निर्मल यादव  , डॉ आर पी शर्मा सहित कई गणमान्य महानुभाव ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज की ।संस्था द्वारा अतिथिगण को स्मृतिचिन्ह प्रदान किया गया वहीं लाडो कटारिया ने पौधा भेंट कर शुभाशीष दिया ।

इस अवसर पर कृष्ण गोपाल विद्यार्थी, सुधीर त्रिपुरारि, त्रिलोक कौशिक, हरीन्द्र यादव, मनोज शर्मा, आर एस पसरीचा  , मंजू भारती, नरेंद्र खामोश, सुरिन्दर मनचन्दा , सुनील पुजारी, आर एस पसरीचा, शशांक शर्मा, रजनेश त्यागी, मनजीत कौर, अनिल  श्रीवास्तव , आर पी कौशिक सहित कई कवि  साहित्यकार व सहित्ययप्रेमी उपस्थित थे । संस्था अधयक्ष डॉ धनीराम अग्रवाल ने आमंत्रित शायर, अतिथिगण व श्रोताओं के प्रति आभार व्यक्त किया । 

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