– नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों ने किया था हमीरपुर नदी पुल के नीचे अस्थाई सड़क का वायदा

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल । प्रशासन द्वारा गत 16 फरवरी को किये गये 7 दिन में हमीदपुर नदी पूल के नीचे से खटोटी मोड़ तक अस्थायी सड़क का वायदा पूरा ना करने पर क्षेत्र की जनता आगामी 23 फ़रवरी को लघु सचिवालय नारनौल पहुच कर प्रशासन से  सवाल पूछेगी।

गत 15 /16 फरवरी को  खटोटी मोड के नजदीक  हुई सड़क दुर्घटना में चिंडालिया गांव के  ओमप्रकाश,  उनकी बेटी और इकलौते पुत्र की जान चली गई थी। इस घटना से ना केवल ये परिवार बल्कि पूरा क्षेत्र सदमें में डूब गया है । घटना के बाद 16 फरवरी को खटोटी, हमीदपुर,चिंडालिया, बापडोली, डोहर-मोहनपुर, जैलाफ़, अन्य गांवों के लोगों ने दुर्घटना घटने के कारण को लेकर रोष प्रकट करते हुए नेशनल हाईवे नंबर 11 पर आकर धरना दिया और सड़क जाम की। 

 जिसके बाद मौके पर प्रशासन की तरफ से एस डी एम नारनौल, डी एस पी , थाना प्रभारी सहित काफी अधिकारीगण मौके पर पहुंचे। सरकार के एक पूर्व मंत्री ने भी मौके पर पहुंच कर लोगों को सांत्वना दी। तब सभी ने स्वीकार किया कि राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण करते वक्त अंडर पास व सर्विस रोड ना बनाकर एक बहुत बड़ी चूक हुई है।  घटना के बाद से ये देखने में आ रहा है कि क्षेत्र के विधायक डॉ अभय सिंह यादव एवं  राज्यमंत्री ओमप्रकाश यादव भी लोगों को लिखित में सोशल मीडिया पर संदेश भेज कर सांत्वना दे रहे हैं। इस बाबत मंत्री ओम प्रकाश यादव ने राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों से एक बैठक भी की। सभी राष्ट्रीय राजमार्ग पर अंडरपास वह सर्विस रोड बनाने के आश्वासन दे रहे हैं। मौके पर पहुंचकर एस डी एम नारनौल व पूर्व मंत्री रामविलास शर्मा ने प्रशासन से वार्तालाप कर मौका पर आश्वासन दिया था कि 7 दिन के अंदर लोगों के आवाजाई के लिए अस्थायी तौर पर हमीदपुर नदी के पुल के नीचे से  खटोटी मोड तक रोड बनाया जाएगा। एनएचआई के अधिकारियों से बात करके जल्द ही अंडर पास व  सर्विस रोड का निर्माण चालू करवाया जाएगा। 

दुख की बात यह है कि अभी इस पर प्राथमिक स्तर पर कोई पहल नहीं हुई। गत साल 23 नवंबर  को क्षेत्र के काफी मौजिज साथियों ने कुलदीप सिंह भरगड़ एडवोकेट के नेतृत्व में सरकार को ज्ञापन सौंपकर गहली-मकसुसपुर , खटोटी मोड,  डोहर-मोहनपुर मोड़ पर अंडरपास बनाने व सर्विस रोड बनाने की मांग रखी थी । जिसके बाद भी प्रशासन ने आश्वासन दिया था कि जल्द ही इसका समाधान किया जाएगा। आज तक कोई भी कदम प्रसासन की तरफ से नही उठाया गया और ना ही जनप्रतिनिधियों ने इसकी सुध ली। इस उदासीनता के फलस्वरूप चिंडालिया गांव के तीन मासूमों की जान चली गई और एक व्यक्ति का हाथ कट चुका है। इसके अलावा अन्य कई घटनाएं भी घट चुकी है। जिनके अंदेशे के बारे  हमने सरकार को पूर्व में जब कार्य चालू था सूचित कर दिया था, लेकिन सरकार सोई रही है।

 इसलिए  प्रशासन द्वारा दिया गया समय 7 दिन  23 फ़रवरी को समाप्त हो जाएगा। यदि तब तक प्रशासन द्वारा लोगों की आवाजाही के लिए खटोटी मोड़ पर कोई निर्माण कार्य व रास्ता नही निकाला जाता है, तो क्षेत्र के लोगों को आगे आकर चिंडालिया गांव जैसी और घटना ना घटे इसके लिए सरकार के खिलाफ आवाज उठायेंगे ।

विधायक और मंत्री जी लोगों को झूठे आश्वासन दे रहे हैं उनके विरुद्ध भी मोर्चा खोलकर सवाल पूछने जाएंगे। ये आवाज अहिंसात्मक तरीके से और मुताबिक कानून उठाई जाएगी क्योंकि सत्ता में बैठे ये सत्ता भोगी आवाज उठाने वालों के विरुद्ध षड्यंत्र रचने में माहिर हैं। 23 फरवरी को  सभी  सामाजिक कार्यकर्ता व  क्षेत्र के मौजीजान व मानवता भाव रखने वाले साथी 10 बजे प्रातः  लघु सचिवालय, नारनौल पहुंचकर  प्रशासन द्वारा किए गए वायदे  के बारे  प्रशासन से सवाल पूछेंगे। युवा और जागरूक साथियों व गांव के प्रतिनिधियों से भी लेकर संपर्क किया जा रहा है।

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