संयुक्त किसान मोर्चा और सीआइटीयू ने नारे लगा निकाली भड़ास. पातली स्टेशन पर अडानी लाजिस्टिक ड्राई पोर्ट पर दिया धरना

फतह सिंह उजाला

पटौदी। दक्षिणी हरियाणा के अहीरवाल में रेवाड़ी से दिल्ली तक रेल रोको अभियान पूरी तरह से प्रभावहीन रहा । इस दौरान पातली रेलवे स्टेशन पर मुख्य रूप से सुरक्षा व्यवस्था के विशेष प्रबंध किए गए । पातली में अडानी का अडानी लॉजिस्टिक ड्राई पोर्ट है , जिसकी वजह से वहां पर विशेष सुरक्षा के प्रबंध किए गए । इस मौके पर पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार , पटौदी के एसीपी बीर सिंह , गुरुग्राम जीआरपी एसएचओ भूपेंद्र सिंह, फर्रुख नगर थाना प्रभारी सुरेश कुमार, ड्यूटी मजिस्ट्रेट हरसरू नायब तहसीलदार कीर्ति सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद रहे ।

प्रदर्शनकारियों ने अडानी लॉजिस्टिक्स ड्राई पोर्ट के गेट पर बैठकर अडानी ग्रुप और मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी  करते अपने मन की भड़ास निकाली । गुरुवार को कृषि कानूनों के विरोध में 12 से 4 बजे तक रेल रोको आह्वान के बावजूद गुड्स ट्रेन और विभिन्न यात्री ट्रेनों का आवागमन सुचारू रूप से रहा । सबसे बड़ी राहत की बात यह रही प्रदर्शनकारी अपना विरोध प्रदर्शन करते रहे और रेवाड़ी दिल्ली के बीच में विभिन्न ट्रेनों का आवागमन बिना किसी बाधा के जारी रहा । गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा पातली हाजीपुर स्टेशन पर शांति पूर्व रेल रोको आंदौलन किया। जिसमे गुरुग्राम व ग्रामीण आंचल के किसानों ने हिस्सा लिया।

आंदौलन के दौरान किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना घटित न हो इसके लिए एसीपी बीरसिंह, डयूटी मजिस्ट्रेट क्रीति नायब तहसीलदार हरसरु, थाना प्रभारी फर्रुखनगर सुरेश कुमार फौगाट, सैक्टर 37 थाना प्रभारी शैलेंद्र सिंह, जीआरपी गुरुग्राम इंचार्ज भूपेंद्र सिंह के नेतृत्व में जिला पुलिस पटौदी, सैक्टर 37, पटौदी, बिलासपुर , फर्रुखनगर थाने के करीब 206 जवान और जीआपी, आरपीएफ के 25 जवानों ने पहले की चाकचैंबंद सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध कर लिए थे। पुलिस ने हर स्थिति से निपटने के लिए टियर गैस, वाटर कैनन, एंटी राईट्रस व्हीकल, एम्बुलेँस तक तैनात कर रखी थी।

रेवाडी से दिल्ली के बीच विभिन्न रेलवे स्टेशनों, बसेई धनकोट, गढ़ी हरसरु, पातली, ताजनगर, जाटौला आदि स्टेशनों पर पुलिस की प्लाटून तैनात करके गश्त जारी रखी। इलाके के किसानों ने रेल की पटरी पर बैठकर सरकार विरोधी नारे लगाए और जमकर कोसा। उन्होंने तीन काले कृषि कानून वापिस लेने के लिए सरकार से पुरजोर मांग करते हुए मिडिया कर्मियों को  भी मोदी मिडिया तक कह डाला। बावजूद इसके भी मिडियाकर्मी अपने काम में जुटे रहे।

वहीं रेल विभाग द्वारा रेलवे स्टेशन पर किसानों को पहुंचने से रोकने के लिए पटरियों पर मालगाडिया खडी करवा दी। ताकि किसान स्टेशन तक ना पहुंच सके। स्टेशन पर पहुंचे किसानों ने रेल के डब्बों के बीच फांसलों को चढ़ कर व कूद स्टेशन तक कूच किया। कई किसानों को रेल के जोड कूदने में दिक्कत हुई तो साथियों ने उन्हे सहारा देकर धरना स्थल तक पहुंचाने में मदद की।

इस मौके पर अधिवक्ता संतोष सिंह, पंडित राजबीर सैहदपुर, गजे सिंह कबलाना, चैधरी धर्मपाल गुरावलिया, ईश्वर सिंह पहलवान, कर्मबीर सिंह धनखड, सुभाष सरपंच, अटलवीर कटारिया, रामफल आदि ने कहा कि केंद्र सरकार किसान विरोधी है। उन्होंने तीन काले कानून पारित करके किसानों को दबाने और कुचलने का कार्य किया है। किसान मोदी सरकार को कभी माफ नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि देश का किसान ही है जिसने विश्वव्यापी कोरोना काल में देश को संकट के दौर से बाहर निकालने का कार्य किया था। अगर किसानों की गेंहू , जौ, सरसों की फसल उस संकट के दौर में तैयार नहीं होती तो देश की जनता को किसी भी सूरत में समान्य दर पर खाने के लिए अन्न, सब्जी, फल, दूध जैसी जरुरी सुविधा नहीं मुहिया होती और देश में कालाबाजारी का ऐसा तांडव होता की सब व्यवस्था चरमारा जाती।

भारत किसानों, कमेरो और जवानों का देश है। किसान को दिखावे के रुप में अन्नदाता का दर्जा दिया गया है। सम्मान के लिए आज किसान आंदौलन करने पर मजबूर है। केंद्र सरकार को किसानों के दुख दर्ज की कोई परवाह नहीं है। किसानों की शहादत की सहादत से भी सरकार का दिल नहीं पसीज रहा है। 83 दिन हो गए है किसान आंदौलन को चलते लेकिन देश के प्रधानमंत्री ने आज तक किसानों का हाल तक नहीं पूछा है। जिससे साफ छलकता है कि बीजेपी पूजींपतियों की और किसान विरोधी सरकार है। उन्होंने कहा कि किसान तीन काले कानूनों को रद्ध करवा कर ही अपने घर लौंटेंगे। दावा किया गया कि रेल रोकों आंदौलन पूरी तरह सफल रहा है।

error: Content is protected !!