पुलवामा कांड के शहीद जवानों और किसान आंदोलन में शहादत देने वालों को दी श्रद्धांजलि चरखी दादरी जयवीर फोगाट जितनी बेकद्री जवानों और किसानों की भाजपा सरकार में हुई है ऐसी कभी देखने को नहीं मिली। यह बात किसान नेताओं ने कितलाना टोल के अनिश्चित कालीन धरने पर पुलवामा कांड के शहीद जवानों और किसान आंदोलन में शहादत देने वाले किसानों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि देने के बाद अपने संबोधन में कही। उन्होंने कहा कि किसान और जवान की अनदेखी सरकार को महंगी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि पुलवामा कांड में जान गवानें वाले वीर जांबाज जवानों को देश भर में मांग उठने के बाद आज तक केंद्र सरकार ने शहीद का दर्जा नहीं दिया है। उनके अनुसार कि किसान आंदोलन में शहादत देने वाले 224 किसानों के लिए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संवेदना तक नहीं जताई है। इससे साफ हो जाता है कि इस निरंकुश सरकार को किसानों जवानों की कतई परवाह नहीं है। इन सबके बावजूद किसानों के हौंसले बरकरार हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का हर हथकंडा फेल होगा और अंततः तीनों काले कानून वापिस लेने होंगे। कितलाना टोल पर चल रहे अनिश्चित कालीन धरने के 52वें दिन नरसिंह डीपीई, बलवंत नंबरदार, बिजेंद्र बेरला, गंगाराम श्योराण, रणधीर कुंगड़, कमल प्रधान, दिलबाग ग्रेवाल, चंद्रकला, कमलेश भैरवी ने संयुक्त अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल बार बार किसानों के बारे में आपत्तिजनक भाषा और उनका सहयोग करने वाले संगठनों को लेकर उलजुलूल बयानबाजी कर रहे हैं जो असहनीय है। उन्होंने चेतावनी देते कहा कि कृषि मंत्री की जुबान पर मुख्यमंत्री ने लगाम नहीं लगाई तो संयुक्त किसान मोर्चा सख्त कदम उठा सकता है जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। धरनास्थल पर विरोधस्वरूप कृषि मंत्री जेपी दलाल का पुतला फूंका गया। धरने का मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश ने किया। आज भी टोल फ्री रहा। इस अवसर पर जगबीर ग्रेवाल, राजू मान, अनिल धनखड़, ब्रह्मानन्द एडवोकेट, सीताराम शर्मा, रिशाल कोंट, रणधीर घिकाड़ा, बलबीर बजाड़, कुलवंत, उमेद शर्मा, सुरजभान सांगवान, सुरेश फौगाट, जागेराम बोहरा, रत्तन सिंह बोहरा, प्रेम सिंह, पूर्व सरपंच समुन्द्र सिंह, सूबेदार सत्यवीर सिंह इत्यादि मौजूद थे। Post navigation पुलवामा शहीदों को आज गांव स्तर पर दी जाएंगी श्रद्धांजलि कृषि मंत्री द्वारा किसानों की शहादत बारे की गई टिप्पणी के विरोध में युवा कांग्रेस ने पुतला फूंका