रेवाड़ी, 8 फरवरी 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश ने हरियाणा के मुख्यमंत्री द्वारा मनेठी एम्स की घोषणा के 5 साल 7 माह बाद भी एम्स निर्माण के लिए कोई सार्थक कदम नही उठाने की भाजपा सरकार की कठोर आलोचना करते हुए इसे दक्षिणी हरियाणा के साथ सौतेले व्यवहार का जींवत प्रमाण बताया।

विद्रोही ने कहा कि 7 जुलाई 2015 को मुख्यंमत्री खट्टर ने बावल में मनेठी एम्स बनाने की घोषणा की और बड़े लम्बे संघर्ष व जनआंदोलन के बाद 4 साल 7 माह बाद मोदी-भाजपा सरकार ने मजबूर होकर वोट बैंक की राजनीति खातिर 28 फरवरी 2019 को 1299 करोड़ रूपये के बजट के साथ मनेठी एम्स को अधिकृत रूप से स्वीकृति दी। पर केन्द्रीय मंत्रीमंडल द्वारा एम्स व बजट स्वीकृति के दो साल बाद भी मनेठी एम्स निर्माण का मुद्दा जहां से चला था, आज भी वहीं खड़ा है। आज तक भी हरियाणा भाजपा खट्टर सरकार मनेठी एम्स के लिए न तो जमीन अधिग्रहित कर पाई है और न ही यह स्पष्ट कर रही है एम्स बनेगा या नही और बनेगा तो कहां पर बनेगा।

विद्रोही ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री खट्टर राजनीति कारणों से एक सुनियोजि षडयंत्र के तहत एम्स मुद्दे को फुटबाल की तरह इधर से उधर किक मारकर लोगों का भावनात्मक रूप से शोषण करके औच्छी राजनीति कर रहे है। सबसे दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि दक्षिणी हरियाणा से सम्बन्धित तीनों लोकसभा सीटों व 95 प्र्रतिशत विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा होने के बाद भी भाजपा से निर्वाचित सभी जनप्रतिनिधि अपने-अपने निजी स्वार्थो के चलते एम्स मुद्दे पर बहरे व गूंगे बने हुए है। इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने एम्स मुद्दे पर विगत 5 साल 7 माह में कभी भी एकजुट होकर न तो आवाजे उठाई है और न ही एम्स बने, इसके लिए पैसेभर का दबाव बनाया है। 

विद्रोही ने कहा कि मनेठी एम्स बावल विधानसभा क्षेत्र व गुरूग्राम लोकसभा क्षेत्र में बनना है। बावल के भाजपा विधायक डा0 बनवारी लाल जहां भाजपा खट्टर सरकार में केबिनेट मंत्री है, वहीं सांसद राव इन्द्रजीत सिंह मोदी सरकार में केन्द्रीय राज्यमंत्री है। प्रदेश व केन्द्र सरकार दोनो में मंत्री होने पर भी मनेठी एम्स मुद्दा न सुलझना और भी दुर्भाग्यपूर्ण है। सवाल उठता है कि जब मुख्यमंत्री खट्टर जान-बूझकर मनेठी एम्स निर्माण के प्रति खुलेआम औच्छी राजनीति करने पर उतारू है तो यहां के दोनो मंत्री कोई कठोर निर्णय करके करारा जवाब क्यों नही देते?

विद्रोही ने मुख्यमंत्री खट्टर व केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह से मांग की कि वे लोगों को भावनात्मक शोषण करके वोट बैंक की राजनीति करने की बजाय क्या तो माजरा-मनेठी की जमीन अधिग्रहित करके एम्स निर्माण करवाये या दो टूक शब्दों में कहे एम्स निर्माण नही होगा। इस मुद्दे पर दक्षिणी हरियाणा को और अधिक न ठगे।