रेवाड़ी – 7 फरवरी 2021  – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश:ने कहा कि हरियाणा में किसानों का चक्का जाम न केवल पूरी तरह से शांतिपूर्ण पूरा अपितु पूर्णतया सफल भी रहा1 विद्रोही ने कहा कि दक्षिण हरियाणा में भी किसानों ने दिल्ली-जयपुर हाईवे को शाहजहांपुर खेड़ा बॉर्डर व बनीपुर चौक बावल में जाम किया1 वहीं टोल प्लाजा गंगायचाजाट पर भी रोहतक-झज्जर-रेवाड़ी हाईवे को जाम किया1 दक्षिणी हरियाणा में भी धीरे-धीरे तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध बढ़ रहा है1 जिससे साफ है कि यहां के किसान भी धीरे-धीरे समझने लगे हैं कि उक्त कानूनों के खिलाफ लडऩा उनके लिए आवश्यक है1

विद्रोही ने दक्षिण किसानों से अपील की कि वे सरकारी भक्ति छोडक़र किसान भक्ति अपनाकर खेती-किसानी, ग्रामीणों का भविष्य बेहतर हो इसके लिए काम करें1 केंद्र की मोदी सरकार तो चाहे संसद हो या संसद से बाहर लगातार बेशर्मी से झूठ पर झूठ बोलकर अनैतिकता व किसान विरोध की सभी हदें पार कर रही है1 एक तरफ किसानों से वार्ता के लिए अधिकृत केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर किसानों को तीन कृषि कानूनों में नो अमेंडमेंट करने का प्रस्ताव देते हैं1 वहीं संसद में कहते हैं उन्हें किसानों या विपक्ष ने आज तक नहीं बताया इन कानूनों में काला क्या है?              

 विद्रोही ने सवाल किया यदि तीन कृषि कानून इतने ही किसान हितेषी हैं तो सरकार ने इन कानूनों में नो अमेंडमेंट करने के प्रस्ताव किसानों को क्यों दिए? सरकार का यह दोहरा आचरण स्वयं बताता मोदी सरकार लोकराज में लोकलाज का सम्मान करना तो दूर की बात अपितु षडय़ंत्रों के द्वारा किसानों को बदनाम करती है1 वहीं 26 जनवरी को हुई दिल्ली हिंसा का सच सामने लाने मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच करवाने से क्यों भाग रही है? यदि 26 जनवरी की दिल्ली हिंसा मोदी सरकार-संघीयो द्वारा प्रायोजित नहीं थी तो उन्हें इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में करवाने से घबराहट क्यों है?         

 विद्रोही ने प्रदेश व देश के नागरिकों से आग्रह किया कि वे गंभीरता से विचारे जो सरकार देश के 137 करोड लोगों की पेट की आग बुझाने वाले अन्नदाता किसान को बदनाम करने सत्ता दुरुपयोग की सभी हदें पार कर दे वह सरकार कितनी षड्यंत्रकारी व फासिस्ट है1

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