रेवाड़ी, 6 फरवरी 2021- पाली रेलवे फाटक पर रेल अंडरपास बनाने की मांग को लेकर विगत 18 दिनों से धरने पर बैठे ग्रामीणों की अभी तक सुध नही लेने पर इस पास के क्षेत्र की आज हुई महापंचायत को संबोधित करते हुए स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों व सम्बन्धित प्रशासनिक अधिकारियों की कठोर आलोचना करते इसे सत्ता अहंकार बताया।

विद्रोही ने सवाल किया कि जब स्थानीय समस्याओं को लेकर धरना-प्रदर्शन करने वाले लोगो की सरकार व प्रशासन सुध ही नही लेगा तो लोकतंत्र का मतलब क्या है? क्या सरकार व जनप्रतिनिधि तभी पाली के ग्रामीणों की मांग पर सुध लेंगे जब रेलवे फाटक पर बन रहा रेल पुल व छह लेन बन रहे रेवाड़ी-नारलौल हाईवे व रेल फ्रेट कोरिडोर का निर्माण रोकने को मजबूर हो जायेंगे। जब सरकार शांतिपूर्ण धरना दे रहे लोगों की बात सुनने तक उनके पास जाने को तैयार नही है तो लोगों के पास टकराव के सिवाय रास्ता ही क्या बचता है?

विद्रोही ने कहा कि लोकतंत्र में लोकलाज महत्वपूर्ण होती है, लेकिन भाजपा राज में लगता है कि लोकलाज को तांक पर रखकर सत्ता अहंकार को अपना लिया गया है। दक्षिणी हरियाणा का दुर्भाग्य है कि इस क्षेत्र में चाहे रेल फ्रेट कोरिडोर योजना हो या हाईवे निर्माण योजना हो, इन परियोजनाओं को अंतिम रूप देने से पहले पास लगने वाले गांव व ढाणियों के नागरिकों को अपने खेतों, घरों व पडौसी गांव, शिक्षा व स्वास्थ्य संस्थाओं में आसानी से आने-जाने खातिर कभी भी रेल अंडरपास व सडक़ अंडरपास बनाने की ओर ध्यान नही दिया गया।

विद्रोही ने कहा कि रेल फ्रेट कोरिडोर व हाईवे की परियोजना को धरातल पर जाकर उनकी ड्राईंग बनाने की बजाय वातानुकुलित भवनों में बढकर ड्राईंग बना दी जाती है जो धरातल से कोसो दूर होती है। वहीं दक्षिणी हरियाणा के जनप्रतिनिधि ऐसी प्रस्तावित परियोजनाओं पर नजर रखकर उन्हे जनसुविधा युक्त बनाने के प्रति ध्यान नही देते और जब परियोजनाओं पर निर्माण कार्य शुरू हो जाता है और ग्रामीण को वास्तविकता का पता चलता है तो तब धरना-प्रदर्शन शुरू होने पर भी जनप्रतिनिधि सोये रहते है। वे तभी जागते है जब क्या तो ग्रामीण रास्ता रोककर, निर्माण कार्य को बाधित करते है या चुनाव का समय होता है। विद्रोही ने कहा कि पाली रेलवे फाटक पर अंडरपास बनाना बहुत ही आवश्यक है। यदि यह रेल अंडरपास नही बनता है तो पाली गांव दो भागों में बट जायेगा और एक ही गांव के लोगों को अपने ही गांव में आने-जाने के लिए तीन-चार किलोमीटर का चक्कर काटना पड़ेगा जो किसी भी तरह उचित नही है।

विद्रोही ने हरियाणा सरकार व केन्द्र सरकार से आग्रह किया कि वे पाली रेलवे फाटक पर अंडरपास बनाने की प्रक्रिया प्रारंभ करे अन्यथा गांव के लोग मजबूर होकर रेल फ्रेट कोरिडोर, रेल पुल व रेवाड़ी-नारनौल हाईवे का निर्माण कार्य अनिश्चितकाल के लिए बाधित करने को बाध्य हो जायेंगे।

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