6 फरवरी 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश ने केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह के इस बयान का समर्थन किया कि इस बार हरियाणा में भाजपा सरकार दक्षिणी हरियाणा से मिले भारीे समर्थन के कारणे बनी सकी है। विद्रोही ने राव साहब से सवाल किया कि भाजपा की दोबारा सरकार बनाने का प्रतिफल दक्षिणी हरियाणा को क्या मिला? भाजपा खट्टर सरकार विकास मामले में दक्षिणी हरियाणा के साथ सौतेला व्यवहार तो कर ही रही है, साथ में इस क्षेत्र के वर्षो से स्वीकृत विकास परियोजनाओं पर क्या तो काम नही किया जा रहा है या बजट अभाव में काम कछुआ गति से चल रहा है। भाजपा ने दक्षिणी हरियाणा से मिले जनसमर्थन के अनुरूप इस क्षेत्र को उसका वाबिज हक क्यों नही दिया, इसका भी राव साहब को जवाब देकर बताना चाहिए कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है? 

विद्रोही ने कहा कि दक्षिणी हरियाणा के भाजपा खट्टर में अधिकार विहिन व महत्वहीन मंत्रालयों के डेढ़ मंत्री है जिसका होना या न होना बेमानी है। मुख्यमंत्री खट्टर ने डा0 बनवारी लाल व औमप्रकाश यादव को अपने मंत्रीमंडल में केबिनेट मंत्री व राज्यमंत्री तो बना रखा है, पर इन दोनो मंत्रीयों की सरकार में हैसियत एक सजावटी मोहरे के अलावा कुछ नही है। ऐसी ही स्थिति केन्द्र में राज्यमंत्री के रूप में राव इन्द्रजीत सिंह खुद की भी है। जब भाजपा नेतृत्व दक्षिणी हरियाणा के नेताओं को केन्द्रीय व हरियाणा मंत्रीमंडल में सम्मानजनक मंत्रालय देने को भी तैयार नही है तो वे क्या दक्षिणी हरियाणा से मिले जनसमर्थन का सम्मान कहां करेंगे?

विद्रोही ने कहा कि पांच साल से मनेठी एम्स का निर्माण नही हो पा रहा है। दो साल पूर्व मनेठी एम्स के लिए 1299 करोड़ रूपये का बजट कागजों में तो स्वीकृत हो गया, पर मनेठी एम्स निर्माण की दूर-दूर तक संभावना तक नही है। यहीं स्थिति बिनौला रक्षा विश्वविद्यालय व अन्य विकास परियोजनाओं है। विद्रोही ने कहा कि रेल व सड़क परियोजनाओं पर जो काम चल रहा है, वह भी दक्षिणी हरियाणा के लिए नही अपितु कांग्रेस-यूपीए शासन में शुरू किये गए रेल फ्रेट कोरिडोर व देश को सडक मार्ग से जोडने के राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत चल रहा है। यदि उक्त योजनाएं केवल दक्षिणी हरियाणाा से सम्बन्धित होती तो इन पर भी कोई काम नही चलता।

विद्रोही ने दक्षिणी  हरियाणा के लोगों से आग्रह किया कि वे विचारे कांग्रेस-विपक्ष को कमजोर करके व एकतरफा जनसमर्थन के माध्यम से भाजपा को जरूरत से ज्यादा मजबूत करने पर आखिरकार दक्षिणी हरियाणा को सौतले व्यवहार के अलावा मिला क्या है?

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