जिन पुलिस अधिकारियों की पूरी ट्रेनिंग ही अपराध व अपराधियों पर नियत्रंण करके कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त करना रही है, उन्हे प्रदेश का ट्रांसपोर्ट विभाग सौंपकर व्यापार में लगाना कौनसी दूरदर्शिता है?

रेवाड़ी, 9 फरवरी 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश ने आरोप लगाया कि भाजपा खट्टर सरकार ने प्रदेश का ट्रांसपोर्ट विभाग पूर्णतया दो आईपीएस अधिकारियों को सौंपकर जता दिया है कि सरकार की मंशा प्रदेश की कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त करने की बजाय अपने चहेते पुलिस अधिकारियों को मलाईदार पोस्टे देकर उनकी व अपनी जेबे भरने में ज्यादा है। विद्रोही ने सवाल किया कि जिन पुलिस अधिकारियों की पूरी ट्रेनिंग ही अपराध व अपराधियों पर नियत्रंण करके कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त करना रही है, उन्हे प्रदेश का ट्रांसपोर्ट विभाग सौंपकर व्यापार में लगाना कौनसी दूरदर्शिता है? प्रदेश में कानून व्यवस्था चौपट है, अपराधी बेखौफ है, महिला अस्मिता खतरे में है, रेप की घटनाएं बढ़े रही है। अभी दो-तीन दिन पहले रेवाड़ी में रात को चंडीगढ़ से रेवाड़ी आये एक दम्पत्ति जब अपने गंतव्य की ओर आटो ंमे बैठकर जा रहे थे, तब आटो चालक ने अपने एक साथी के साथ मिलकर आटो सुनसान जगह ले जाकर पति के सामने ही पत्नी का रेप किया जो जघन्य व शर्मसार घटना तो है ही, साथ में कानून व्यवस्था पर बड़ा प्रश्नचिन्ह है। 

विद्रोही ने का कि यह हालत तो तब है, जब किसान आंदोलन व शाजहांपुर-खेडा बार्डर पर कई दिनों से धरने व दिल्ली-जयपुर हाईवे जाम के चलते रेवाड़ी पुलिस हाई अलर्ट पर है। जब कथित हाई अलर्ट के बाद भी अपराधी अपने कुकृत्यों से बाज नही आ रहेहै, महिलाओं से आटो चालक सुनसान क्षेत्र में ले जाकर पति के सामने ही पत्नी का रेप करने का दुस्साहस करते है और रेप के बाद उन्हे शहरी सीमा में छोड़कर फरार हो जाते है तो सवाल उठता है कि कथित हाई अलर्ट वाली रेवाडी पुलिस आखिर किस बिल में घुसी हुई थी? कटु सत्य यह है कि हरियाणा में कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त करने के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारी अपनी डयूटी निभाने की बजाय अपने सम्पर्को व पुलिस में रहते गलत कार्यो से कमाये धन के बल पर मलाईदार पोस्ट पाने ंमे ज्यादा व्यस्त रहते है।

विद्रोही ने कहा कि जब भाजपा खट्टर सरकार स्वयं आईएएस व एचसीएस कैडर की पोस्ट आईपीएस व एचपीएस अधिकारियों को देने की गलत परम्परा प्रांरभ करेगी तो पुलिस अधिकारी पुलिस की कठिन डयूटी करने की बजाय प्रशासक होने की आराम परस्त डयूठी करने के लिए मलाईइार पोस्ट पाने का ही जुगाड़ करेंगे ताकि सुविधा से जीवन बिताये व धन भी कमाएं। ऐसी स्थिति में प्रदेश की कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त रखने पर पुलिस अधिकारी ध्यान क्यों देंगे? विद्रोही ने कहा कि सरकार के इस रवैये से आईएएस व एचसीएस कैडर में अलग से रोष है जिससे सामान्य प्रशासन भी प्रभावित होना तय है। 

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