रेवाड़ी, 10 फरवरी 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश ने नारनौल व महेन्द्रगढ़ के दोनो क्षेत्रों में महेन्द्रगढ़ जिले के मुख्यालय को लेकर बढ़ रहे आपसी तनाव पर गंभीर चिंता प्रकट करते हुए इस पर विराम लगाने का आग्रह किया। विद्रोही ने कहा कि भाजपा खट्टर सरकार को परिपक्वता दिखाते हुए जनभावना के अनुरूप नारनौल व महेन्द्रगढ़ नाम से दो जिलों का गठन करके इस विवाद का पटाक्षेप करना चाहिए।

आजादी के समय से ही महेन्द्रगढ़ जिले का नाम महेन्द्रगढ़ कस्बे के नाम से है व जिला मुख्यालय पहले ही दिन से नारनौल में स्थित है। वर्षो पूर्व यह स्थिति क्यों बनी, यह तो उस समय की परिस्थितियां ही जाने पर 70-72 साल पुरानी परिस्थितियों पर आज विवाद बढ़ाना उचित नही है। महेन्द्रगढ़ क्षेत्र के लोगों की अपनी भावना है, जिसका आदर है पर नारनौल से जिला मुख्यालय हटाकर महेन्द्रगढ़ में सभी जिला मुख्यालय बनाना आज की स्थिति में व्यवहारिक नही है। विद्रोही ने कहा कि ऐसी स्थिति में सर्वमान्य हल यही है कि नारनौल अलग जिला हो व महेन्द्रगढ़ अलग जिला हो।

महेन्द्रगढ़ को अलग जिला बनाना किसी भी तरह अव्यवहारिक नही है। जब प्रदेश में पंचकुला व चरखी दादरी जैसे छोटे क्षेत्र वाले जिले बन सकते है, वहीं वर्तमान सरकार हांसी व गोहाना को जिला बनाने पर विचार कर सकती है तो महेन्द्रगढ़ को अलग से जिला क्यों नही बनाया जा सकता है। जिस तरह नारनौल व महेन्द्रगढ़ जिले के नाम को लेकर पूरे जिले के लोग दो भागों में बट गए है, वह क्षेत्र की एकजुटता व आपसी भाईचारे के लिए अच्छा संकेत नही है। खट्टर सरकार को महेन्द्रगढ़ को अलग जिला बनाकर इस विवाद का सदैव के लिए अंत करने की सार्थक पहल तत्काल करनी चाहिए। 

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