हाँसी 3 फरवरी I मनमोहन शर्मा इलेक्ट्रिसिटी एंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के आवाहन पर ऑल हरियाणा पावर कारपोरेशन वर्कर यूनियन कीतीन काले कृषि कानून रद्द करवाने ,बिजली बिल 2020 वापस लेने ,बिजली क्षेत्र में निजी करण को रोकने के लिए पूरे देश के बिजली कर्मचारियों की 3 फरवरी की हड़ताल की । सीटी सब डिवीजन में यूनिट प्रधान सुरेंद्र हुड्डा के नेतृत्व मे इक्कठे हुए। कर्मचारियों ने केन्द्र सरकार व निगम मैनजमेंट की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की। हडताली कर्मचारियों ने नारेबाजी लगाते हुए मोटरसाइकिल जनों के साथ पूरे शहर में बाजारों में प्रदर्शन करते हुए अपना रोष प्रकट किया । जनता को किसी प्रकार से असुविधा ना हो बिजली सप्लाई बाधित नहीं की। मीटिंग को संबोधित करते हुए प्रेस सचिव सुरेंद्र यादव,ब्लाक सचिव रिशीकेश ढाँडा कहा कि इलेक्ट्रिसिटी एंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के आव्हान पर पूरे देश का बिजली कर्मचारी बिजली के क्षेत्र को प्राइवेट कंपनियों को सौंपने के विरोध में आज को 15 लाख से ज्यादा हड़ताल पर जा रहे है । हाँसी डिविजन मे आपरेशन मे पक्के 175/475 कच्चे कर्मचारी 67/161 , एचवीपीएन मे 12 कर्मचारी हडताल मे भाग लिया ।बिजली जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र को लगातार अडानी , अंबानी प्राइवेट कंपनियों के हाथों में बेचने का काम किया जा रहा है । यह क्षेत्र बिजली को लागू होने पर आम जनता, गरीब और किसान को मिलने वाली सुविधाएं , सबसीडी,क्रोस सब सीडि खत्म हो जाएगी। मौजूदा केंद्र की सरकार कृषि कानूनों को वापस लेने की बजाय किसानों से वार्ता करने की बजाय आतंकवादियों और देशद्रोहियों जैसा व्यवहार कर रही है । रास्ते में नोकिले भाले ,कीले,कँटीले तार गाड़ै जा रहे हैं । सरकार अपना तानाशाही रवैया छोड़कर किसानों से वार्ता करें और कृषि अध्यादेश पावर बिल 2020 रद्द करें। नेताओ ने केंद्र सरकार के प्रति आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि कल पेश किए गए बजट में कर्मचारियों की अनदेखी की गई है । सरकार के सभी कार्यक्रम ये कर्मचारी दिन रात मेहनत से सफलतापूर्वक सिरे चढ़ाते हैं । सरकार द्वारा लगातार निजी करण प्रक्रिया को बढ़ाया जा रहा है । मुनाफे वाले विभागों को पूंजीपतियों के हाथों में बेचा जा रहा है । कर्मचारी वर्ग की अनदेखी करके सरकार ने कर्मचारियों विरोधी होने का सबूत पेश किया है । कर्मचारियों पर करोना महामारी की आड़ में पहले से ही महंगाई भत्ते, एलटीसी व अन्य भक्तों को रोक दिया गया है । कर्मचारियों में सरकार के प्रति भारी गुस्सा बढ़ता जा रहा है। बजट में आम जनता को राहत देने की बजाय बड़े पूंजीपतियों के हक में फैसले लिए जा रहे हैं और आंकड़ों से भ्रमित करके जनता के सामने बजट पेश किया गया । कर्मचारियों की अनदेखी करना सरकार को आने वाले समय में भारी पड़ेगा। मिटिंग को राज्य वरिष्ठ उपाध्यक्ष गँगा राम मोण सुरेश भानखड,रणजीतसिंह, मनोज बडाला, सुधीर चहल , विनोद पान्नू, राजकुमार सैनी,अमीरचंद जाँगडा, राजेश सेनी,पवनकुमार, विकास चँदा, राजेश शर्मा, अमित मँदौरा,रामनिवास ,सँदीप पुनिया, अशोक यादवआदि ने सम्बोधित किया Post navigation भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक स्वः मांगे राम मलिक को याद किया राज्यपाल प्रो० गणेशी लाल की धर्मपत्नी स्वः सुशीला देवी की शोक सभा