रेवाड़ी, 2 फरवरी 2021 – शाहजहांपुर खेडा बार्डर पर आंदोलनरत किसानों के धरने का कथित स्थानीय लोगों के नाम पर विरोध करके दिल्ली-जयपुर हाईवे को खाली करवाने की मांग करने वालो को स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश ने चुनौती दी कि विरोध करने वाले कथित स्थानीय लोगों में एक भी उस व्यक्ति का नाम बताये जो भाजपाई-संघी या पैट्रोल पम्प व ढाबो के मालिक-कर्मचारी न हो।

विद्रोही ने कहा कि कटु सत्य यह है कि बेशक दक्षिणी हरियाणा का आमजन अपेक्षा के अनुसार काले कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के चल रहे आंदोलन में सक्रियता से भाग नही ले रहा है, पर कोई भी किसान आंदोलन का विरोधी नही है। शाहजहांपुर खेडा बार्डर पर चल रहे धरने के चलते स्थानीय लोगों को जरूर थोडी बहुत परेशानी हो रही है, पर स्थानीय लोग कहीं भी आंदोलनरत किसानों के विरोध में नही है। शाहजहांपुर खेडा बार्डर पर चल रहे धरने का विरोध भाजपा खट्टर सरकार, पुलिस व प्रशासन के इशारे पर भाजपाई-संघी ही कर रहे है व अपने आर्थिक निजी हितों के चलते पैट्रोल पम्प व ढाबों के मालिक उनके साथ मिलकर पैसों के बल पर आंदोलनरत किसानों का विरोध करके सरकार भक्ति दिखा रहे है।

विद्रोही ने सवाल किया कि किसान आंदोलन का विरोध करने वाले कथित स्थानीय लोगों में भाजपाई-संघी के अलावा कौन व्यक्ति है, उनका नाम बताये। विरोध करने वाले सभी भाजपाई-संघी सरकार भक्त है जिन्हे हर कोई अच्छी तरह से जानता व पहचानता है। किसानों का धरना समाप्त करने के नाम पर स्थानीय लोगों के नाम पर जो लोग बयानवीर बनकर मीडिया में बयान दाग रहे है, क्या उन्हे रेवाडी जिले के मीडियाकर्मी नही जानते कि वे भाजपा कार्यकर्ता ही है। मीडिया कर्मियों को इनका स्थानीय लोग बताकर पेश करने की बजाय साफ तौर लिखना चाहिए कि भाजपा कार्यकर्ता शाहजहांपुर खेडा बार्डर पर चल रहे किसान आंदोलन का विरोध कर रहे है। 

विद्रोही ने कहा कि स्थानीय लोगों के नाम पर सरकार भक्त लोग मसानी पुल धरना मामले में पहले ही दक्षिणी हरियाणा पर किसान विरोध का कलंक किसान इतिहास में लगवा चुके है। अब वे भाजपाई-संघी सरकार भक्त शाहजहांपुर खेडा बार्डर किसान आंदोलन का विरोध करके दक्षिणी हरियाणा के किसानों व आमजनों को भाजपा खट्टर सरकार के इशारे पर कलंकित करने का कुप्रयास कर रहे है जिनका स्थानीय लोग कडा विरोध कर रहे है।

कटु सत्य यह है कि बावल 84 के किसान व आमजन पूरी सक्रियता के साथ शाहजहांपुर खेडा बार्डर पर चल रहे किसान आंदोलन का न केवल सहयोग कर रहे है अपितु खुद भी 24 घंटे धरना स्थल पर डटे हुए हैं।

विद्रोही ने किसान व मजदूर पृष्ठभूमि से जुड़े सभी निष्पक्ष स्थानीय लोगों से अपील की कि वे कुछ सरकार भक्त लोगों के जरिये इस क्षेत्र को किसान इतिहास में कलंकित करने के कुप्रयास को समझे और वे खुद आगे आकर ऐसे सरकार भक्त लोगों का उन्ही की रणनीति अनुसार गांधीवादी तरीके से उनका कड़ाई से विरोध करे। विद्रोही ने दक्षिणी हरियाणा के न्यायप्रिय लोगों से भी अपील की कि भाजपाई-संघीयों व सरकार भक्तों के निजी स्वार्थो की पूर्ति का साधन न बने और यदि किसान आंदोलन में सक्रिय सहयोग भी नही दे सकते तो कम से कम इसका विरोध करने करके इस क्षेत्र को शर्मसार तो न करे।  

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