पूरे देशवासियों का किया गया आह्वान करे भूख हड़ताल. अपने हको की लडाई को बोर्डरों पर मोर्चा संभाले किसान फतह सिंह उजाला शनिवार 30 जनवरी को संयुक्त किसान मोर्चा खेडा बोर्डर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्य तिथि पर श्रृद्धांजलि अपने ही अंदाज में श्रद्धाजंलि देगा। किसान नेता राकेश टीकैत के समर्थन में स्थानीय किसान नेताओं ने शुक्रवार को फिर से खेडा बोर्डर की कमान संभाल और अधिक मजबूूती के साथ डट गए। एक दिन पहले के गाजीपुर बार्डर पर किसान आंदोलन सहित किसानों के दृढ़ इरादे को देख, किसानों के इरादे और फौलादी हो गए। यह सब देख पट्रोल पंप कर्मियों ने समेटी दरी और गायब हो गए। पुलिस प्रशासन राजस्थान व हरियाणा की असामाजिक तत्वों पर पैनी नजर आंदोलन के 49वें दिन भी बनी रही। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं के द्वारा भी 30 जनवरी शनिवार को सत्याग्रह दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया गया । मोर्चा के नेताओं ने तिरंगा का अपमान नहीं सहेगा हिंदूस्तान के नारे लगाने वालों को आड़े हाथ लेते सवाल किया, ऐसे लोगों की भीड़ सरकार के इशारे पर शोर मचा रही है जिनको तिरंगा झंडा ढ़ंग से पकड़ना तक नहीं आता। किसान ही है जो अपना बेटा तिरंगे की रक्षा के लिए फौज में भेजता है और तिरंगे में ही लिपटा एक किसान के बेटे का ही पार्थिव शरीर भी किसान के घर आता है। किसान देश का पेट भी भर रहा है और देश की सीमा पर भी किसान और मजदूर का ही बेटा ही आम आदमी से लेकर लाल किले के तिरंगे की रक्षा भी कर रहा है। किसान नेताओं ने साफ-साफ कहा कि सरकार, बीजेपी और आरएसएस का चेेहरा बेनकाब होने सहित इनकी सभी चाल भी देश की जनता ने अपनी आंखों से देख ली। अब किसान आंदोलन पहले से औैर भी अधिक मजबूत हो रहा है। बीती रात अचानक भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय नेता राकेश टीकैत के जारी विडियो को देख खेडा बोर्डर व स्थानीय बावल-84 के किसानों में अचानक उबाल सा आ गया । उत्तरप्रदेश व दिल्ली सरकार के द्वारा किसान नेता को बेवजह परेशान करने की निंदा के साथ -साथ घोषणा की गई कि महेंद्र सिंह टीकैत देश के किसानों को संगठित करने व किसानों के हितों की लडाई लडते हुए दुनिया से चले गए । उन्ही के कदमों पर राकेश टीकैत तथा उनका बेटा भी किसान-मजदूर सहित किसानी के हित में अपनी जान हथेेली पर लिये बैठे है। टिकैत के परिवार और आंदोलनकारी साथियों के साथ यदि सरकार कोई भी कुचक्र रचेगी तो उसका देश का किसान मजबूती से करारा जवाब देंगा । किसानो के हको की लडाई के लिए अनेंको किसान अभी भी बोर्डरों पर मोर्चा संभाले हुए है दिल्ली-जयपुर हाईवे पर संयुक्त मोर्चा के आहवान पर पिछले 48 दिनों से जारी अनिश्चितकालीन पडाव शुुक्रवार को 49वें दिन भी जारी रहा । सर्दी व सरकारी दमन के बावजूद किसानों का हौंसला मजबूत बना हुआ है । आंदोलन में आंध्रप्रदेश की अनेंको महिलाओं ने पंहुचकर अपना सर्मथन किया । वहीं आंध्रप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र,मध्यप्रदेश, हरियाणा व पंजाब से आएं किसानों ने बढ चढकर आंदोलन में भाग लिया । किसान नेताओं ने 26 जनवरी गणतंत्रता दिवस की बावल खेडा बोर्डर व मसानी बैराज से सरकार द्वारा निर्धारित मापदण्डों के तहत समयसीमानुसार शांतिपूर्ण ढँग से ट्रैक्टर तिरंगा यात्रा पर प्रशासन का व किसान नेताओं का धन्यवाद करते हुए दिल्ली लाल किले पर साजिश के तहत किसान आंदोलनकारियों को बदनाम करने की निंदा के साथ-साथ किसान आंदोलन को बदनाम करने तथा फूट डालने की नाकाम साजिश ठहराया। शाहजहांपुर खेडा बोर्डर पर उपद्रव्य मचाने की असामाजिक तत्वों ने कौशिश की, लेकिन किसानो की मुश्तैदी ने किसी भी किस्म के खतरे को टाल दिया। आज भी पूर्व की भांति शांतिपूर्ण ढंग से किसान मोर्चे पर डटे रहे । सभा में खेडा बोर्डर पर सरकार व प्रशासन के संरक्षण में खेडा बोर्डर में आंदोलन में भय पैदा करने, अभद्र भाषा का प्रयोग करने पर संयम बरतते हुए सरकार की फूटनीति भी टाल दी गई । मंच से अपील की गई कि शनिवार 30 जनवरी को महात्मा गांधी का शहादत दिवस समस्त मोर्चो सहित देश के समस्त गांवो व शहरों में मनाया जाएगा। जिन्होंने शंातिपूर्ण ढंग से आजादी का आंदोलन चलाया व सफल रहे । खेडा बोर्डर पर बीते दिनोे की हरकतों पर बावल-84 के प्रधान सुमेर जेलदार, भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश महासचिव रामकिशन महलावत, नवीन सहलोत, ईश्वर महलावत, राजीव पहलवान, सतीश यादव, अत्तर सिंह नैहरा, बलदेव फौजी, बच्चू सिंह शाहपुर, नैहरा जिला रेवाडी खांप के प्रधान प्रभूदयाल नैहरा ने कमान संभाली। किसान नेताओं ने कहा कि किसानों का मोर्चा शंातिपूर्णढंग से जारी है, जारी रहेगा । जब तक केंद्रीय संयुक्त मोर्चा के आदेश नही आ जाते शांतिपूर्ण ढँग से धरना जारी रहेगा। तीनों कृषि कानून रद्द नही हो जाते, एमएसपी कानून के दायरे में नही आ जाते , देश को धनाढय लोगो के हाथो गिरवी नही होने देंगे । राजस्थान के राष्ट्रीय स्तर के किसान नेता अमराराम, राजाराम मील, राजू , रणजीत सिंह श्रीगंगा नगर, छगन चैधरी, श्याम लाल घायल, मुसद्दी लाल यादव, शोपत राम, रूढ सिंह महला, मोहन फौजी, राधेश्याम शुक्ला, अभी राम बहरा आदि ने सरकार की दमनकारी नीति के विरूद्ध अनेंको सवाल उठाते हुए कहा कि बेवजह किसानों के भाईचारे में अंग्रेजो की फूट डालो व राज करो की नीति का भाजपा सरकार प्रयोग नहीं करे। राजस्थान व हरियाणा का रोटी-बेटी का संबंध है । भारत के विभिन्न क्षेत्रों में किसान संयुक्त मोर्चा जनहित में अपना आंदोलन चलाए हुए है जिसका समर्थन जनमानस दे रहा है। Post navigation हत्या करने के बाद मृतक के शव को फैकने वाले आरोपी काबू देश में लोकतंत्र व विरोध के अधिकार को छीना जा रहा है : विद्रोही