हांसी , 22 जनवरी । मनमोहन शर्मा हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि आज देश और प्रदेश के आम नागरिकों के मन में भाजपा सरकार की सारी सच्चाई साफ हो चुकी है। लोग जान चुके हैं कि इस सरकार का जनता के हितों से कोई सरोकार नहीं है। इन्हें किसी का दुख या दर्द नजर नहीं आता है। इनका ध्यान सिर्फ अपने पूंजीपति साथियों को फायदा पहुंचाने में लगा रहता है। भाजपा सरकार अपने पूंजीपति मित्रों के सामने जनता के हितों को भूल चुकी है। कुमारी सैलजा ने यह बातें हिसार के लांधड़ी टोल प्लाजा पर आंदोलनरत किसानों के बीच कहीं। कुमारी सैलजा शुक्रवार को कृषि विरोधी काले कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को अपना समर्थन देने पहुंची थीं। इस दौरान उनके साथ बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता भी मौजूद रहे।कुमारी सैलजा ने कहा कि किसान आंदोलन एक जन-आंदोलन है। सरकार लगातार किसानों के साथ बातचीत के नाम पर दिखावा कर रही है। किसान आंदोलन में 70 से अधिक किसान शहीद हो चुके हैं। लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है।भाजपा सरकार किसानों के अधिकारों को छीनकर कृषि अर्थव्यवस्था को बड़े पूंजीपतियों को सौंपना चाहती है। सरकार कृषि कानूनों की आड़ में किसानों को बेचने का प्रयास कर रही है। लेकिन किसान भाजपा सरकार के इन षड्यंत्रकारी मंसूबों को कभी सफल नहीं होने देंगे। कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार कहती है कि यह कानून वापस नहीं होंगे। यही इनका राजहठ है। जो आज पूरी स्थिति को इस मुकाम पर ले आया है। भाजपा सरकार एक तरफ बातचीत का ढोंग करती है और दूसरी तरफ कहती है कि हम यह कानून वापस नहीं लेंगे। भाजपा सरकार द्वारा बातचीत का सिर्फ दिखावा किया जा रहा है। भाजपा सरकार की मंशा शुरुआत से ही साफ नहीं रही है। कुमारी सैलजा ने कहा कि लोकतंत्र में जनता के हित सर्वोपरि होते हैं। लेकिन अहंकारी भाजपा सरकार यह भूल चुकी है। मौजूदा सरकार का संसदीय प्रणाली में कोई विश्वास नहीं है। भाजपा सरकार लगातार तानाशाही कर रही है। तानाशाही करने वाली सरकारों के दिन लद जाते हैं और भाजपा सरकार के भी दिन लद गए हैं। कांग्रेस पार्टी किसान के साथ है। कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी जी और श्री राहुल गांधी जी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी लगातार कृषि विरोधी काले कानूनों के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है। कांग्रेस पार्टी हर स्तर पर किसानों के साथ खड़ी है। Post navigation किसानों के विरोधी तीन बिलों को वापिस लेने की मांग को लेकर दो युवकों ने किया अनशन भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक स्वः मांगे राम मलिक को याद किया