• दीपेंद्र हुड्डा ने आज फिर गंगायचा टोल धरने, एनएच-8 के साहबी फ्लाईओवर और शाहजहांपुर बार्डर किसान धरने पर पहुंच किसानों की मांगों का समर्थन किया और किसानों का हाल-चाल पूछा• कांग्रेस विधायक दल द्वारा आंदोलन में शहीद किसानों के परिवार को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का धन्यवाद किया• हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार ने किसानों के परिवारों के प्रति सहानुभूति के 2 शब्द भी नहीं कहे• सरकार गलतफहमी में न रहे, मांगें पूरी हुए बिना किसान वापस हटने वाले नहीं• जैसे-जैसे विलंब हो रहा है आन्दोलन तेज़ और व्यापक होता जा रहा है रेवाड़ी, 16 जनवरी। सांसद दीपेंद्र हुड्डा आज फिर रोहतक-बावल राजमार्ग स्थित गंगायचा टोल धरने, गांव मसानी स्थित एनएच-8 के साहबी फ्लाईओवर के धरने और गांव जयसिंहपुर खेड़ा स्थित शाहजहांपुर बार्डर धरने पर बैठे किसानों के बीच पहुंचे और उनका हाल-चाल पूछा। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार बातचीत को लंबा खींचकर किसान के भोलेपन का फायदा उठा रही है। हिंदुस्तान का किसान बेशक भोला-भाला है, लेकिन वो अच्छी तरह से ये समझ गया है कि तीनों कृषि कानून उसके खिलाफ हैं। ऐसा लगता है सरकार उनके साथ बातचीत नहीं, बातचीत का ड्रामा कर रही है। जैसे-जैसे विलंब हो रहा है आन्दोलन तेज़ और व्यापक होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह सरकार कुंभकर्णी नींद में सोई हुई है। ऐसा लगता है कि सत्ता के घमंड ने उसको संवेदनहीन बना दिया है। उन्होंने हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के निर्देश पर किसान संघर्ष में अपनी जान कुर्बान करने वाले हरियाणा के प्रत्येक किसान के परिवार को कांग्रेस विधायक दल द्वारा 2-2 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का धन्यवाद किया। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा की भाजपा जजपा सरकार ने आर्थिक सहयोग और नौकरी देना तो दूर की बात, किसानों के परिवारों के प्रति सहानुभूति के 2 शब्द भी नहीं कहे। दीपेंद्र हुड्डा ने आगे कहा कि किसान संगठनों व सरकार के बीच 10 दौर की बेनतीजा वार्ता, 51 दिनों से धरना और 100 से ज्यादा जान जाने के बावजूद सरकार का दिल नहीं पसीज रहा है। सारे देश का किसान तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ लामबंद होता जा रहा है। किसानों को इन कानूनों की असलियत का पता चल गया है। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित सारे देश का किसान इन कानूनों के खिलाफ एकजुट होता जा रहा है। केन्द्र सरकार की दिखावटी बातचीत से ऐसा लगता है कि वो किसानों को थकाना चाहती है। सरकार सोच रही है कि किसान अपना संयम खो दें और वापस अपने घर लौटने को मजबूर हो जाएं। उन्होंने सरकार को आगाह किया कि अगर वो ऐसा सोचती है तो उसको गलतफहमी है किसान वापस हटने वाला नहीं। उन्होंने आज कोसली हलके के गांव पेहराजवास, बावल, गांव जयसिंहपुर खेड़ा, गांव बालावास जट आदि गांवों में कई सामाजिक कार्यक्रमों में भी शिरकत की। ज्ञात हो कि कल भी सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने दिल्ली के टिकरी बार्डर पर चल रहे 17 किलोमीटर लंबे धरने पर पहुंच कर वहां पानी, शौचालय व्यवस्था, साफ-सफाई, लंगर व चिकित्सा व्यवस्था आदि का मुआयना किया और जरुरी इंतजाम बढ़ाने के निर्देश दिये। इस दौरान उन्होंने कहा कि पानी तथा शौचालय किसी भी व्यक्ति की मूलभूत आवश्यकता है। इसको उपलब्ध कराना न केवल सबका कर्तव्य है अपितु महान् पुण्य का कार्य भी है। इस दौरान उनके साथ विधायक राव दान सिंह, पूर्व विधायक यादविन्द्र, पूर्व विधायक रामेश्वर दयाल, राजस्थान जाट महासभा अध्यक्ष राजा राम, राव बहादुर सिंह, एम.एल. रंगा, महाबीर मसानी, भरत सिंह टोंगर, प्रवीण चौधरी, बलबीर छिल्लर, वेदप्रकाश विद्रोही, कृष्णराव, नरेंदर जी, दीवान सिंह चौहान, डॉ. अनिल, बस्ती राम यादव सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे । Post navigation भाजपा खट्टर सरकार ने स्वयं स्वीकार कर लिया की जनता का जनसमर्थन खो चुकी : विद्रोही आंदोलनरत किसानों के ऐतिहासिक संघर्ष को सलाम : विद्रोही