भाजपा खट्टर सरकार के मंत्री 26 जनवरी गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने की हिम्मत नही रखते. लोकराज पुलिस के डंडे से नही अपितु लोकलाज से चलता है। 16 जनवरी 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष व हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने एक बयान में कहा कि भाजपा-जजपा सरकार ने 26 जनवरी गणतंत्र दिवस परेड की सलामी लेने के लिए किसान आंदोलन बाहुल्य क्षेत्र के आधे से ज्यादा जिलों में मंत्रीयों की डयूटियां हटाकर स्वयं स्वीकार कर लिया है कि हरियाणा में भाजपा खट्टर सरकार का नैतिक इकबाल खत्म हो चुका है और भाजपा हरियाणा की जनता का जनसमर्थन खो चुकी है। विद्रोही ने कहा कि जो सरकार अपना इकबाज खो चुकी हो और उसके मंत्री 26 जनवरी गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने की हिम्मत नही रखते है, ऐसी सरकार को एक क्षण के लिए भी सत्ता में रहने का अधिकार नही है। लोकतंत्र में सरकार का इकबाल खत्म होने का अर्थ होता है कि ऐसी सरकार होना या ना होना बेमानी है। जो सरकार चुनाव के एक साल बाद ही जनता का सामना करने से घबरा जाये तो सहज अनुमान लगा ले कि ऐसी सरकार अपने जनविरोधी क्रियाक्लापों से कितनी अलोकप्रिय हो चुकी है। विद्रोही ने कहा कि जजपा ने राजनीतिक अवसरवादिता दिखाकर जनभावनाओं के साथ धोखा करके भाजपा खट्टर सरकार को प्रदेश में दोबारा थोपकर अजय चौटाला-दुष्यंत चौटाला परिवार के निजी हित बेशक साध लिए हो, पर उनके इस विश्वासघात को जजपा को वोट देने वाले मतदाताओं ने स्वीकार नही किया जिसके चलते आज हरियाणा में हालत यह है कि उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला व जजपा विधायक तो जनता को मुंह दिखाने लायक नही बचे और वे कोई भी राजनीतिक कार्यक्रम करने की हैसियत में न होने से मुंह छिपाते फिर रहे है। वहीं धन-बल, अवसरवादिता व जांच एजेंसियों के दुरूपयोग से भाजपा ने हरियाणा में बेशक दोबारा सत्ता पर कब्जा करकेे मनोहरलाल खटटर को दोबारा से प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने में सफलता पा ली हो, पर आज हालत यह है कि मुख्यमंत्री खट्टर जी अपने खुद के निर्वाचन क्षेत्र करनाल जिले में भारी पुलिस संगिनों के साये में भी कोई राजनीतिक कार्यक्रम करने की हैसियत में नही है। विद्रोही ने कहा कि केन्द्रीय गृहमंत्री अमीत शाह ने भी हाल में मुख्यमंत्री खट्टर व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के साथ हुई बैठक में दोनो को स्पष्ट निर्देश दिया कि वे अभी कृषि कानूनों के समर्थन व अन्य राजनीकि कार्यक्रम न करे। जब किसी प्रदेश में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाये कि उस राज्य का मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मंत्री, सासंद, विधायक राजनीति कार्यक्रम करनेे की हैसियत में भी न हो तो साफ कि ऐसी सरकार का इकबाल जनता में पूरी तरह से खत्म हो चुका है और सरकार व सत्तारूढ़ दल इतने अलोकप्रिय हो गए है कि वे जनता का सामना करने की भी हैसियत में नही रहे और जनता उनको सुनने को तैयार नही। ऐसी स्थिति में विद्रोही ने मांग की कि भाजपा-जजपा खट्टर सरकार तत्काल त्यागपत्र दे और प्रदेश को व्यर्थ के टकराव व बर्बादी से बचाये क्योंकि लोकराज पुलिस के डंडे से नही अपितु लोकलाज से चलता है। Post navigation राव इन्द्रजीत सिंह से सार्वजनिक सवाल : भाजपा खट्टर सरकार में उनकी कोई पूछ है भी या नही ? विद्रोही किसान आंदोलन और इस्तीफे