दक्षिणी हरियाणा से निर्वाचित भाजपा सांसद व विधायक कमजोर-सत्तालोलूप : विद्रोही

14 जनवरी 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष व हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि दक्षिणी हरियाणा से निर्वाचित भाजपा सांसद व विधायक कितने कमजोर-सत्तालोलूप है, यह इसी से साबित होता है कि वर्षो से अधूरी पड़ी एसवाईएल नहर निर्माण के लिए वे तीन कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसानों से तो नहर निर्माण के लिए सहयोग की मांग करते है, पर इन डरपोक जनप्रतिनिधियों में इतनी हिम्मत नही है कि वे जनवरी 2002 के सुप्रीम कोर्ट आदेश अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सेना निगरानी में केन्द्रीय सड़क सीमा संगठन से पंजाब में अधूरी पड़ी एसवाईएल नहर निर्माण करवाने की मांग कर सके।

विद्रोही ने कहा कि विगत छह साल से केन्द्र व हरियाणा में भाजपा की सरकार होने के बाद भी दक्षिणी हरियाणा से भाजपा से निर्वाचित भाजपा सांसद व विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट के जनवरी 2002 आदेश अनुसार प्रधानमंत्री से एसवाईएल नहर निर्माण सेना निगरानी में केन्द्रीय सीमा सड़क संगठन से करवाने की मांग करना तो दूर, इस संदर्भ में एक शब्द भी सार्वजनिक रूप से कहने की हिम्मत नही दिखाई है। विगत छल सालों से दक्षिणी हरियाणा के जनप्रतिनिधियों ने कभी भी ऐसी सक्रियता एसवाईएल नहर निर्माण के प्रति नही दिखाई है, जैसी सक्रियता आजकल कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों में बढ़ते जनाक्रोश के बाद दिखाने की नौटंकी कर रहे है। 

विद्रोही ने कहा कि कटु सत्य यह है कि दक्षिणी हरियाणा के सत्तालोलूप, अवसरवादी, सिद्धांतहीन भाजपा सांसदों व विधायकों को एसवाईएल निर्माण हो या न हो, इसकी पैसेभर भी चिंता नही है। वे तो किसान आंदोलन को कमजोर करने व किसानों को बाटने और दक्षिणी हरियाणा के किसानों को एसवाईएल के नाम पर भावनात्मक रूप से ठगने के लिए मोदी-खट्टर के ईशारे पर इस समय एसवाईएल का मुद्दा उठाकर किसान विरोधी औच्छी राजनीति कर रहे है। पंजाब में अधूरी पड़ी एसवाईएल नहर का निर्माण किसानों को नही अपितु सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार केन्द्र की मोदी सरकार को सेना की निगरानी में करवाना है।

एसवाईएल के नाम पर लम्बी-चौड़ी बयानबाजी करके दक्षिणी हरियाणा के लोगों को भावनात्मक रूप से ठगने वाले भाजपा सांसदों व विधायकों को विद्रोही ने चुनौती दी कि यदि उनमें दम है तो वे मोदीजी से सुप्रीम कोर्ट के जनवरी 2002 के निर्णय अनुसार सेना निगरानी में केन्द्रीय सीमा सड़क संगठन से एसवाईएल नहर निर्माण करवाने के लिए प्रधानमंत्री निवास के बाहर दिल्ली में अनशन करे। मैं उन्ह्रे विश्वास दिलाता हंू कि हरियाणा का पूरा विपक्ष उनका साथ देगा और मेरे जैसे दक्षिणीे हरियााणा के सभी सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ता इस लडाई में कंधे से कंधा मिलाकर उनके पीछे खड़े होकर दृढ़ता से साथ देंगे। 

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