13 जनवरी 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष व हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि विगत साढ़े पांच सालों से हरियाणा भाजपा खटटर सरकार मनेठी एम्स निर्माण के नाम पर दक्षिणी हरियाणा को भावनात्मक रूप से ठग रही है, पर एम्स बनाने की बजाय इस मामले को सुनियोजित ढंगे से उलझाती जा रही है। विद्रोही ने कहा कि 7 जुलाई 2015 को मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने बावल की एक जनसभा में मनेठी में एम्स बनाने की घोषणा की, फिर तीन साल तक इस मामले में भाजपा सरकार दड़ मारे पड़ी रहीे। फिर अचानक मुख्यमंत्री ने अगस्त 2018 में मनेठी एम्स घोषणा को एक जुमला करार दे दिया।

दक्षिणी हरियाणा के लोगों के भारी विरोध व 2019 लोकसभा व हरियाणा विधानसभा चुनाव के मध्यनजर 28 फरवरी 2019 को मोदीजी के केन्द्रीय मंत्रीमंडल ने मनेठी में एम्स निर्माण को मंजूरी दी, पर लोकसभा चुनाव खत्म होते ही 23 जून 2019 को केन्द्रीय पर्यावरणीय समिति ने एम्स की प्रस्तावित जमीन को पर्यावरणीय अनुमति देने से इनकार कर दिया जिसके चलते मनेठी एम्स निर्माण मुद्दा फिर अटक गया। विद्रोही ने कहा कि लोगों के विरोध के चलते हरियाणा सरकार ने मनेठी के लिए 200 एकड़ जमीन लेने पोर्टल-पोर्टल खेल शुरू किया। एक साल तक पोर्टल-पोर्टल का खेल चला और माजरा गांव के लोगों ने एम्स के लिए पोर्टल पर जमीन दे दी तो विगत छह माह से हरियाणा सरकार व ग्रामीणों में जमीन मुआवजे का विवाद चल रहा है। भाजपा सरकार प्रति एकड़ 29 लाख रूपये से ज्यादा मुआवजा देने को तैयार नही है और किसान 50 लाख रूपये प्रति एकड से कम मुआवजा लेने को तैयार नही। 

विद्रोही ने कहा कि हरियाणा सरकार मुआवजा मुद्दा सुलझाने की बजाय जान-बूझकर इसे लटकाकर कभी मसानी बैराज में और कभी कहीं और एम्स के लिए जमीन तलाशने की नौटंकी करती है। जमीन के नाम पर यह नौटंकी लगातार चल रही है। अब 8 जनवरी 2021 की मुख्य सचिव के साथ हुई वीडियो कान्फ्रेस बैठक बाद बिशनपुर-बावल में एम्स जमीन तलाशने के लिए जिला रेवाड़ी प्रशासन ने एक कमेटी गठित की है जो बिशनपुर गांव की पंचायती जमीन में एम्स बनाने की संभवानाएं तलाशेगी। सवाल उठता है कि यह नौटंकी करनेे की बजाय भाजपा खट्टर सरकार माजरा-मनेठी मेें उपलब्ध 200 एकड जमीन का 50 लाख रूपये प्रति एकड़ मुआवजा देकर एम्स निर्माण का रास्ता साफ करने की बजाय बिशनपुर में नई जमीन तलाशने का खेल क्यों खेला जा रहा है?

विद्रोही ने मुख्यमंत्री खट्टर से आग्रह किया कि वे मनेठी एम्स निर्माण के नाम पर लोगों को भावनात्मक रूप से ठगने व जमीन के नाम पर निर्माण कार्य को उलझाने की बजाय माजरा गांव की जमीन 50 लाख रूपये प्रति एकड हिसाब से अधिग्रहित करे और दक्षिणी हरियाणा के साथ एम्स नाम पर खिलवाड़ बंद करे। 

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