12 जनवरी -2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कुछ सरकार भक्त लोग दिल्ली-जयपुर हाई-वे के बंद होने को लेकर आंदोलनरत किसानो पर जबाबदेही डालकर अपनी सरकारी भक्ति दिखाने दक्षिणी हरियाणा के किसानो को बदनाम कर रहे है1 विद्रोही ने कहा चाहे शाहजहांपुर-खेड़ा बार्डर हो या मसानी पुल दिल्ली-जयपुर हाईवे को आंदोलनरत किसानो ने नहीं अपितु भाजपा-खटटर सरकार के इशारे पर हरियाणा पुलिस ने बेरिकेड्स व अन्य अवरोध लगाकर जानबूझकर रोका है1

आंदोलनरत किसान तो तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ रोष प्रगट करने दिल्ली जाना चाहते है1 पर भाजपा खटटर सरकार सत्ता व पुलिस बल दुरुपयोग से किसानो का रास्ता रोके हुए है1 जब हरियाणा पुलिस ने शाजहांपुर-खेड़ा बावल बॉर्डर व मसानी पुल के पास भारी अवरोध लगाकर दिल्ली-जयपुर हाईवे को रोक लिया तो किसानो के पास सडक़ पर बैठकर धरना देने के सिवाय विकल्प भी क्या है?

विद्रोही ने अपने व्यापार-धंधे चौपट होने के नाम पर सरकारी भक्ति दिखाने वाले इन चंद स्थानीय भक्तो से सवाल किया यदि वे हाईवे के जाम होने से इतने ही चिंतित है तो भाजपा-खटटर सरकार व हरियाणा पुलिस पर दबाब डालकर दिल्ली-जयपुर हाईवे पर लगाए पुलिस बेरिकेड्स क्यों नहीं हटवाते? जो ही पुलिस बेरिकेड्स हटा लेगी तब किसान तो एक क्षण की देरी किये बिना अपना धरना-सडक़ जाम ख़त्म करके दिल्ली की तरफ कूच करने को तैयार बैठे है1 किसान तो हाईवे जाम करके यहाँ बैठना ही नहीं चाहते1 यह तो भाजपा-खटटर सरकार व हरियाणा पुलिस की हठधर्मी है जो उन्हें दिल्ली की तरफ कूच नहीं करने दे रही1 

 विद्रोही ने स्थानीय लोगो से आग्रह किया यदि वे किसान-खेती को बचाने की लड़ाई में किसानो का साथ नहीं देना चाहते तो न दे1 पर संघी सरकार के प्रति भक्ति दिखाने खातिर किसान विरोधी रवैया अखित्यार करके दक्षिणी हरियाणा की किसान विरोधी छवि भी न बनाये1 स्थानीय लोग सरकार पर अपने प्रभाव का प्रयोग करके हाईवे पर लगे पुलिस बेरिकेड्स हटवाए1 किसान तो अपना धरना ख़त्म करके दिल्ली की तरफ कूच करने को तैयार बैठा है1 वही विद्रोही ने अहीरवाल के लोगो को याद दिलाया वे कुर्बानी देने वाले धरती पुत्र किसान के बेटे है इसे न भूले और गलती से भी किसान विरोध में खड़े होकर क्षणिक लाभ के लिए अपने पूर्वज अन्नदाता किसानो को लज्जित न करे1 

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