– बीटेक के प्रथम पास आउट बैच को  यूनिवर्सिटी स्तर पर नहीं मिली पैलेसमेंट और इंटरशिप की सुविधा
–एमटैक डिग्री कोर्स से पहले पीएचडी लाने से छात्र असमंजस में,  बीटेक के बाद होती है एमटैक

नारनौल, (रामचंद्र सैनी): जिला के गांव जाट पाली में जब हरियाणा सेंटर यूनिवर्सिटी शुरू हुई थी तो जिला ही नहीं बल्कि आसपास के क्षेत्र के लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा था कि अब उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए घर से दूर नहीं जाना पड़ेगा। यूनिवर्सिटी में अनेक डिग्री व डिप्लोमा कोर्स शुरू किए गए थे। वर्ष 2016 में यूनिवर्सिटी में स्कूल आफ इंजीनियरिंग की भी शुरूआत की गई। जिसमें सेंटर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने चार टे्रडों में बीटेक की कक्षाएं शुरू की  थी। इस वर्ष 2020 में बीटेक का प्रथम बैच पास होकर निकल चुका है। बीटेक पास आउट इस पहले बैच के अनेक विद्यार्थियों की व्यथा सुनकर ऐसा लग रहा है कि सेंटर यूनिवर्सिटी हरियाणा का फस्र्ट इंप्ररेशन ही नगेटिव साबित हो रहा है।

यूनिवर्सिटी से  बीटेक की सिविल कंप्यूटर, इलेक्ट्रीकल व पीपीटी आदि चारों टे्रडों के पास आउट प्रथम बैच के अनेक विद्यार्थियों ने बताया कि उनके परिजनों व उन्होंने जिस जोश व उत्साह से सेंटर यूनिवर्सिटी के स्कूल आफ इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया था, उनका वो जोश बीटेक पूरी होते ही एक ही झटके में ना केवल गायब हो गया है बल्कि वे अपने आप को ठगा से महसूस कर रहे हैं। इन विद्यार्थियों का कहना है कि उपरोक्त टे्रड में अध्ययन करने के बाद यूनिवर्सिटी के एक भी छात्र से गेट का एग्जाम क्लीयर नहीं हुआ है, जिसका मुख्य कारण यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट द्वारा विद्यार्थियों को गेट कोचिंग या टिप्स के लिए कोई कोचिंग या कक्षाओं की व्यवस्था नहीं करना रहा है।

इसके अलावा इन विद्यार्थियों ने सबसे बड़ी हैरानी वाली बात तो यह बताई कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बीटेक के चारों टे्रड के फाइनल इयर विद्यार्थियों में से किसी को भी अपने स्तर पर इंटरशिप नहीं करवाई और ना ही पैलेसमेंट की ऑफर दी। जिसके चलते सेंटर यूनिवर्सिटी में 2016 में बीटेक में दाखिला लेने के बाद इस वर्ष पास आउट होने वाले बीटेक के विद्यार्थी मारे-मारे फिर रहे हैं। इन विद्यार्थियों ने यह भी बताया कि इससे बड़ी अचरज की बात एक और देखने को मिली है। बीटेक पास आउट करने वाले विद्यार्थियों को यदि पैलेसमेंट किन्हीं कारणों से आफर नहीं हो पाई है तो यूनिवर्सिटी प्रशासन को इन छात्रों के भविष्य को देखते हुए यहां पर एमटैक डिग्री कोर्स शुरू करवाना चाहिए था लेकिन एमटैक की बजाय यूनिवर्सिटी में पहले पीएचडी की कक्षाएं शुरू करवा दी गई है, जो बीटेक करने वाले विद्यार्थियों के हको पर कुठाराघात है। बीटेक पास आउट विद्यार्थियों ने बताया कि वे सीधे ही पीएचडी में प्रवेश थोडी ले सकते हैं, इसके लिए पहले उन्हें एमटैक करना होता है और उसके बाद पीएचडी होती है।

इन विद्यार्थियों का कहना है कि बीटेक पास आउट होने के बाद अब उनके सामने दोहरी समस्या बन गई है। एक तरफ तो पैलेसमेंट की समस्या और दूसरी एमटैक डिग्री कोर्स यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा शुरू नहीं करना। जिसके चलते सेंटर यूनिवर्सिटी से बीटेक का पहला पास आउट बैच मारा-मारा फिर रहा है। इन विद्यार्थियों ने सेंटर यूनिवर्सिटी प्रशासन से मांग की है कि बीटेक प्रथम पास आउट विद्यार्थियों को यूनिवर्सिटी की तरफ से होने वाली पहली पैलेसमेंट ऑफर में शामिल किया जाये, अच्छी सीजीपेए, प्रथम और द्वितीय स्थान पर आने वाले सभी टे्रडों के विद्यार्थियों को रॉल ऑफ ऑनर गोल्ड मेडल से सम्मानित किया जाए। इन विद्यार्थियों ने यह भी कहा कि उनका तथा उनके परिजनों को एक प्रतिनिधिमंडल इस मामले में जिला महेंद्रगढ के सत्ता पक्ष सभी चुने हुए प्रतिनिधियों के माध्यम से प्रदेश व केंद्र सरकार को एक ज्ञापन भी देंगे ताकि इस जिला के विद्यार्थियों को सही मायने में इस सेंटर यूनिवर्सिटी का लाभ मिल सके।

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