नारनौल,(रामचंद्र सैनी): जिला मुख्यालय नारनौल से सभी जिला स्तरीय प्रशासनिक कार्यालय महेंद्रगढ शिफट करने के लिए वहां के लोगों द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन के बीच अब नारनौल के व्यापारी एवं भाजपा नेता वैद्य किशन वशिष्ठ ने सरकार से मांग की है कि सरकार महेंद्रगढ जिला का नाम ही बदलकर नारनौल करें। उन्होंने कहा कि पेप्सू के समय से ही नारनौल जिला मुख्यालय है। कागजों में महेंद्रगढ महज केवल नाम का जिला है। अब नारनौल मुख्यालय से प्रशासनिक एवं जिला स्तरीय कार्यालय महेंद्रगढ शिफ्ट करने का ना तो तुक बनता है और ना ही यह सरकार के लिए संभव है। इसलिए ऐसी स्थिति में सरकार को महेंद्रगढ जिले का नाम बदलकर नारनौल रखना न्यायसंगत होगा, क्योंकि महेंद्रगढ जिला बनने के बाद से ही नारनौल इसका मुख्यालय है। वैद्य किशन वशिष्ठ ने कहा कि जिला का नाम कागजों में नारनौल रखने के बाद उन्हें इस बात पर भी कोई आपत्ति नहीं है कि महेंद्रगढ नया जिला बन जाये, लेकिन नारनौल मुख्यालय को महेंद्रगढ शिफ्ट करने की सरकार ने सोची भी तो इसके खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे खुद भी भाजपा पार्टी से जुड़े है लेकिन उससे पहले नारनौल शहर के एक आम नागरिक है, जिसके नाते वे इस शहर के किसी भी नागरिक के हकों पर कुठाराघात नहीं होने देंगे। वशिष्ठ ने कहा कि नारनौल को जिला का नाम दिलाने के लिए वे आंदोलन शुरू करेंगे। जिसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है। उन्होंने कहा कि इसी सप्ताह सबसे पहले जिला उपायुक्त और नारनौल के विधायक एवं मंत्री ओमप्रकाश यादव के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन प्रेषित किया जाएगा, जिसमें नारनौल को जिला का नाम देने की मांग की जाएगी। वैद्य किशन वशिष्ठ ने यह भी कहा कि डीसी व मंत्री को ज्ञापन देने के बाद सरकार कोई संज्ञान नहीं लेती है या इसे ठंडे बस्ते में डालती तो नारनौल के अलावा नांगल चौधरी एवं अटेली के विभिन्न संगठनों से संपर्क करके आंदोलन को बड़े स्तर पर शुरू किया जाएगा। इस कड़ी में सबसे पहले लघु सचिवालय पर एक दिवसीय सांकेतिक धरना होगा और उसके बाद प्रदर्शन होंगे। फिर सभी व्यापारिक संगठनों से बात करके बाजार बंद का आह्वïान भी किया जाएगा। इसके लिए नारनौल के सभी राजनैतिक, सामाजिक व व्यापारिक संगठनों का भी सहयोग लिया जाएगा क्योंकि आखिर इस मुद्दे में नारनौल के आम लोगों का हित छिपा है। इस मौके पर उनके साथ हरिराम गुप्ता, गंगाराम प्रजापत, अशोक सैनी व टिंकू सैनी आदि भी उपस्थित थे। Post navigation सेंटर यूनिवर्सिटी का फस्ट इंप्ररेशन ही साबित हो रहा है नगेटिव एकबार फिर टीकरी बॉर्डर पर आंदोलनरत किसानों के बीच पहुंचे भूपेंद्र सिंह हुड्डा