एसवाईएल का मुद्दा …कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार को भी बर्खास्त कर देना चाहिए !

सांसदों के द्वारा राय को ठीक ढंग से न रखने पर कृषि कानून बने. विजय सोमाणी बोले एसवाईएल पर अब आर-पार की लड़ाई

फतह सिंह उजाला
पटौदी । युवा किसान संघर्ष समिति व राष्ट्रीय नवचेतना मंच के तत्वावधान में पिछले पांच दिनों से एसवाईएल नहर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अनुपालना के लिए पद यात्रा की जा रही है। जिसका नेतृत्व पूर्व विधायक नरेश यादव व राष्ट्रीय नवचेतना मंच के संयोजक जननेता विजय सोमाणी कर रहे हैं । उनके साथ बड़ी तादाद में नांगल चैधरी, नारनौल, अटेली, कुंड, रेवाड़ी, धारूहेडा, बिलासपुर, सिधरावली व गुरूग्राम से जुड़़े ग्रामींण, किसान, युवा, छात्र, व अन्य सामाजिक और राजनैतिक संगठन से जुड़े लोग यात्रा को अपना समर्थन दे रहे हैं।

पूर्व विधायक नरेश यादव ंने कहा कि भारत सरकार व पंजाब सरकार के बीच में किसानों को लेकर चल रहे आंदोलन ने देश की  राजधानी दिल्ली को चारों तरफ से घेर लिया व भारत सरकार की नाक में दम कर दिया । जबकि वहां के सांसदों ने अपने राय को ठीक ढंग से न रखने की वजह से ये सब कानून बने हैं । ऐसे में युवा किसान संघर्ष समिति व राष्ट्रीय नवचेतना मंच व अन्य सामाजिक संगठन एसवाईएल के लिए आरपार की लड़ाई के मूड में है । भारत सरकार को यह पदयात्रा एक संदेश दे रही है कि जिस ढंग से हरियाणा में राव बीरेंद्र सिंह की सरकार को बर्खास्त कर दिया गया था व चैधरी ओम् प्रकाश चैटाला की सरकार को बर्खास्त कर दिया गया था । उसी तरह कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार को भी बर्खास्त कर देना चाहिए।

विजय सोमाणी  ने कहा तीन जनवरी रविवार को यह यात्रा जिला नारनौल व रेवाडी के बाद जिला गुरूग्राम में प्रवेश कर गई । यह यात्रा राष्ट्रपति भवन तक जारी रहेगी । इस यात्रा को जिला गुरुग्राम में कितने लोग समर्थन करेंगे व कितने राजनैतिक, सामाजिक, शैक्षणिक, बुद्धिजीवी लोग इसका समर्थन करते हैं ? यह एक महत्वपूर्ण विषय होगा । गुरूग्राम के अधिवक्ताओं से अपील है कि एसवाईएल नहर पर इस यात्रा का समर्थन करें व इस न्याय युद्ध में साथ दें । क्यो कि सर्वोच्च न्यायालय के  फैसला देने के बावजूद भारत सरकार, हरियाणा के पानी के लिए गम्भीर नहीं है , जहां भारत सरकार ने धारा 370 को हटा दिया था व सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया था। परंतु हरियाणा के पानी के लिए भारत सरकार के सख्त हस्तक्षेप की अब समय की अहम मांग है।

उन्होने कहा कि, पंजाब सरकार का रवैया हरियाणा के किसानो के पक्ष में नहीं है। ऐसे में अहम बात यह है कि काँग्रेस और भाजपा से जुड़े पदाधिकारियों की उदासीनता देखने को मिल रही है । नारनौल ,रेवाड़ी, नूंह व गुरुग्राम जिस क्षेत्र के आम नागरिक को इस एस॰वाई॰एल नहर का पानी मिलना है, उनके लिए यात्रा एक संदेश भी छोड़ रही है ये लोग जो विभिन्न पार्टियों से जुड़े हैं, ये राजनीति समाज सेवा के लिए कर रहें हैं या आराम और पैसा कमाने के लिए ?

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