-कमलेश भारतीय किसान आंदोलन के साथ ये चीजें साफ तौर पर जुड़ी हुई हैं । कैसे ? टोल फ्री । सभी किसानों ने सब तरफ के टोल फ्री करवाने की धमकी दे रखी है और करवा भी रहे हैं । इसका प्रमाण मिला जब टोल के पास किसानों के जमावड़े को देखा और मज़े में हमारी गाड़ी बिना टोल दिये पार हो गयी । हालांकि दुख भी हुआ कि जो पैसे प्रतिदिन सरकार या किसी एजेंसी को मिलते थे , वे अब नहीं मिल रहे होंगे और इस तरह प्रतिदिन लाखों का घाटा हो रहा है । यह घाटा तो प्रत्यक्ष दिख रहा है और अन्य अनेक तरह के घाटे तो दिख नहीं रहे लेकिन हो तो रहे हैं । जैसे सब्जियों और दूध आदि आवश्यक सप्लाई का रुक जाना । जैसे पेट्रोल या मिट्टी के तेल की सप्लाई पर असर पड़ना । इसी तरह अन्य आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई न होने से उद्योग पर प्रभाव पड़ना । एक माह हो गया । सरकार और किसानों के बीच लगभग डेडलाॅक की स्थिति बनी हुई है । अब आइए टाॅक फ्री पर । जियो जब आया तो टाॅक फ्री जैसी ही था और बीएसएनएल पर बहुत भारी पड़ा । बीएसएनएल की हालत ऐसी हो गयी कि जियो के चक्कर में लगभग दो हजार कर्मचारियों की छुट्टी की नौबत आ गयी । यह भी इसलिए कि अम्बानी महोदय का ही करिश्मा रहा । अब किसान आंदोलन में भी अम्बानी के चर्चे हो रहे हैं । यानी पहले एक बीएसएनएल इसका शिकार हूई अब किसान इसका शिकार होने जा रहे हैं । सुना है कि योजना इतनी दूरदर्शिता से बनाई गयीं कि पंजाब में बड़े बड़े ऐसे स्टोरेज पहले ही बन चुके या बनाये जा रहे हैं जिनमें अनाज रखा जायेगा और ज्यादा कीमत पर जब चाहे बेचा जा सकेगा । ऐसी योजना और आप इसे कह रहे हो किसानों का भला ? इस सादगी पर कौन न मर जाये, ऐ खुदा ,,, बल्कि साहब कह रहे हैं कि टेक इट ईजी । अरे । सचमुच इतना सुधार और आप दिल्ली के आसपास सर्दी में क्यों भर रहे हो , यार । टेक इट ईजी न । क्या यार मेरे मन की सुनो । मेरा मन कहता है कि आपका बहुत भला होने वाला है और आप हो कि विपक्ष के झांसे में आकर प्रदर्शन करने लगे । ये आपको बरगला रहे हैं । आप इनकी नहीं, मेरे मन की सुनो और जीवन सफल बनाओ । तो मित्रों, टोल फ्री , टाॅक फ्री और टेक इट ईजी । डोंट वरी । कैरी ऑन जट्टा ,,, Post navigation ख़बरों के पीछे दौड़ती पत्रकारिता, थोड़ी रैड लाइट की जरूरत 32 दिन और 32 रात… क्या अब बुधवार को खत्म हो सकेगी तकरार !