आंदोलनकारी किसानों ने दिल्ली-जयपुर हाईवे पूरी तरह से किया बंद. कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग लेकर धरने पर बैठे आंदोलनकारी. हाईवे बंद करने के कारण पुलिस को यातायात डायवर्ड करना पड़ा फतह सिंह उजाला गुरुग्राम / शाहजहांपुर बार्डर । पूर्व पीएम भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई के जन्मोत्सव पर अपने अटल इरादे जाहिर करते हुए केंद्र के तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलनकारी किसानों ने शुक्रवार को शाहजहांपुर बॉर्डर पर दिल्ली जयपुर नेशनल हाईवे को पूरी तरह से बंद कर दिया । हालांकि जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर और अहीरवाल के लंदन रेवाड़ी के बावल सीमा अपनी मांगों के समर्थन में बैठे अखिल भारतीय संयुक्त किसान मोर्चा के सहयोगी किसान संगठनों के द्वारा दावा किया गया था कि शुक्रवार को तमाम बाधाओं के बादवजू दिल्ली के लिए कूच करेंगे । लेकिन दोनों बॉर्डर क्षेत्र में भारी सुरक्षा बलों की तैनाती और लगाए गए बैरिकेट्स के कारण माहौल और अधिक तनावपूर्ण हो , इसका नया विकल्प तलाश करते हुए आंदोलनकारियों के द्वारा दिल्ली जयपुर लाइफलाइन नेशनल हाईवे को शाजापुर बॉर्डर पर अप और डाउन दोनों दिशा में पूरी तरह से बंद कर अपने लंगर डाल दिए गए। इन हालात में पुलिस को मजबूरन यातायात को डायवर्ट भी करना पड़ गया । गौरतलब है कि अहीरवाल के लंदन रेवाड़ी सीमा और राजस्थान बॉर्डर पर बीते 13 दिनों से अखिल भारतीय संयुक्त किसान मोर्चा के घटक किसान संगठनों सहित स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव के नेतृत्व में राजस्थान , गुजरात मध्य प्रदेश, मेवात , महाराष्ट्र व अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में किसानों का यहां पर आने का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा । दिल्ली कूच की पूर्व घोषणा के मुताबिक शुक्रवार को किसान नेता डॉ अजीत , उमेश देशमुख की अगुवाई में बड़ी संख्या में ट्रैक्टर ट्राली में पहुंचने के साथ ही जैसे ही किसान दोपहर 1 बजकर 20 मिनट पर खेड़ा बॉर्डर पर पहुंचे तो वहां सुरक्षाबलों के द्वारा जबरदस्त तरीके से नाकाबंदी करके पहले से ही रखी हुई थी । ऐसे में किसान आंदोलन के केंद्रीय नेतृत्व के दिशा निर्देशों को ध्यान में रखते हुए आंदोलनकारी किसान डॉ संजय माधव द्वारा किए गए आहवान के बाद दिल्ली जयपुर नेशनल हाईवे पर अपना लंगर डाल कर बैठ गए । जैसे ही दिल्ली जयपुर नेशनल हाईवे पूरी तरह से बंद होने की जानकारी स्थानीय प्रशासन को मिली तो स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ-पांव भी भूल गए। आंदोलनकारी किसानों को अधिकारियों ने समझाते बुझाते नेशनल हाईवे को खोलने का आह्वान किया। लेकिन किसानों ने दो टूक जवाब दे दिया कि जब तक केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए कृषि कानून पूरी तरह से वापस नहीं लिए लिए जाते अथवा रद्द नहीं किए जाते , उनका यह आंदोलन किसी प्रकार से ही जारी रहेगा । अब जो नया मोर्चा दिल्ली जयपुर नेशनल हाईवे पर शाहजहांपुर बॉर्डर जयसिंहपुर खेड़ा ने खोल दिया गया है , वह ऐसे ही ऐसे ही जारी रहेगा । इसी बीच आंदोलनकारी किसानों में भारी आक्रोश भी देखा गया कि हरियाणा सरकार , प्रशासन, पुलिस प्रशासन आम नागरिकों को प्रदान आवागमन के अधिकारों की अनदेखी कर आखिर ऐसे कौन से कानून के तहत दिल्ली की तरफ जाने से रोक रही है ? इसी बीच आंदोलनकारी किसानों के द्वारा ऐलान किया गया कि सरकार के द्वारा जो भी बैरिकेट्स दिल्ली जाने से रोकने के लिए सड़क पर लगाए गए हैं उन्हें क्यों निकाल कर एक तरफ फेंक दिया जाए ? महाराष्ट्र और राजस्थान के शीर्ष किसान नेताओं रामपाल जाट, राजाराम मील, अलवर के बलवीर छिल्लर व अन्य नेताओं के आह्वान पर किसानों के द्वारा दिल्ली जयपुर नेशनल हाईवे को पूरी तरह बंद कर दिया गया। इसी बीच में किसानों का रोष और गुस्सा राजस्थान और हरियाणा सीमा पर जारी धरने के 13वें दिन अपने चरम पर पहुंच गया । सारे हालात और किसानों की भावनाओं को देखते हुए किसान नेताओं ने कहा कि उनका आंदोलन पूरी तरह से शांतिप्रिय और अहिंसात्मक ही रहेगा । आंदोलनकारी किसान किसी भी प्रकार के हालात में अपनी तरफ से कोई भी पहल नहीं करेंगे । इधर पूर्व घोषणा के मुताबिक किसानों की क्रमिक भूख हड़ताल पर खेड़ा बॉर्डर पर किसान मास्टर शेर सिंह, गुरमीत सिंह ,प्रहलाद मंडोता, हरप्रीत सिंह ,रणबीर भांडुप बिलासपुर , एसी गिरधारी मुकलावा, नरेंद्र सिंह, जगमीत सिंह, साधुराम एडवोकेट और विनोद विश्नोई सहित अन्य किसान भी 24 घंटे के अनशन पर मजबूती से कड़ाके की ठंड में भी डटे रहे । शुक्रवार को किसान नेताओं में अक्षय कुमार उड़ीसा ,पूर्व एमएलए अमराराम, विजेंद्र सिंह बागोरिया हिसार, संत लेख राम सिंह, भाई सुखजीत सिंह पंजाब, डॉक्टर संजय माधव , गंगाराम पटेल , राजेंद्र चेयरमैन , हकीम चैहान , बीएसएफ के जवान तेज बहादुर सिंह, कामरेड राजेंद्र , शर्मिला यादव , ललिता यादव , योगेश मेहता ,मुसद्दीलाल , जाट महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष जगदीश नारायण , बस्तीराम बैरवा , रामेश्वर चैधरी , पिंटू एडवोकेट , भगवान शाह, महेंद्र सिंह बराड़ ने भी आंदोलनकारी किसानों का हौसला बढ़ाते हुए अपनी किसान एकता को बनाए रखने का आह्वान किया । दूसरी ओर दिल्ली जयपुर नेशनल हाईवे पर अहीरवाल के लंदन रेवाड़ी के बावल में स्थित बनीपुर चैक पर किसान यूनियन के नेता रामकिशन मेहलावत के नेतृत्व में भी अनगिनत किसानों का धरना प्रदर्शन जारी रहा । अब देखना यह है कि दिल्ली की लाइफ लाइन कहे जाने वाले दिल्ली जयपुर नेशनल हाईवे को आंदोलनकारी किसानों के द्वारा हरियाणा और राजस्थान के बीच शाहजहांपुर बॉर्डर पर पूरी तरह से बंद कर दिया जाने के बाद आने वाले समय में इसका कितना और कैसा जवाब केंद्र सरकार महसूस कर सकेगी। Post navigation संयुक्त किसान मोर्चा गुरुग्राम की बैठक चौधरी संतोख सिंह की अध्यक्षता में हुई सुशासन दिवस: गुरुग्राम नगर निगम में सुशासन