किसान आंदोलन के धरनास्‍थल पर रणदीप सुरजेवाला के पहुंचते ही एक नेता ने उनकी तारीफों के पुल बांधना शुरू कर दिया था. इससे धरनास्‍थल पर मौजूद किसान नाराज हो गए.

कैथल. किसान आंदोलन के बीच भारत बंद के दौरान हरियाणा के कैथल जिले में किसानों के बीच पहुंच कर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने समर्थन का ऐलान किया था. वह खुद भी धरना दे रहे किसानों के बीच बैठ गए थे, लेकिन किसानों को यह नागवार गुजरा. विशेष तौर पर युवाओं ने रणदीप सिंह सुरजेवाला से भी सवाल-जवाब शुरू कर दिए. थोड़ी ही देर में हंगामा होने लगा और किसानों ने रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. कुछ देर तो सुरजेवाला किसानों के बीच जमीन पर ही बैठे रहे, लेकिन जब वे उठे तो हालात बेकाबू हो गए.

किसानों ने सुरजेवाला को घेर लिया. इस दौरान उनके साथ धक्का-मुक्की शुरू होने लगी थी. सुरक्षा कर्मियों ने सुरजेवाला के घेर लिया और वहां से कुछ ही दूरी पर खड़ी उनकी कार तक लेकर पहुंचे. इस दौरान भी किसान उनके पीछे-पीछे नारेबाजी करते चल रहे थे.

इस बात पर नाराज हुए किसान

प्रदर्शनकारी किसानों के भारी विरोध के चलते असहज स्थिति में सुरजेवाला को तितरम मोड़ से धरना छोड़कर लौटना पड़ा. दरअसल, एक नेता ने सुरजेवाला के पहुंचते ही उनकी तारीफों के पुल बांधना शुरू कर दिया. किसानों ने उन्‍हें मना भी किया, लेकिन उन्‍होंने बोलना जारी रखा. किसानों ने कहा कि यह मंच नेताओं और राजनीतिक पार्टियों का नहीं है, लेकिन माइक थामे नेता नहीं रुके. इस पर किसान बिफर गए और विरोध शुरु कर दिया.

सुरेजवाला ने कही थी ये बात

इससे पहले सुरजेवाला ने किसानों को संबोधित करते हुए सवाल किया था कि क्या हरियाणा-पंजाब का किसान उग्रवादी है. किसान के खेत का पानी अब उसकी आंख का पानी बन गया है. दिल्ली की सल्तनत की रोटी किसान की वजह से चलती है. दिल्ली और चंडीगढ़ के दरबार अगर किसान को इस तरह से प्रताड़ित करेंगे तो कांग्रेस उनके साथ खड़ी होगी.

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