चण्डीगढ, 8दिसम्बर:-केन्द्र सरकार द्वारा लागू कृषि कानूनों के विरोध में लगातार चल रहे किसान आन्दोलन व भारत बन्द का हरियाणा रोङवेज संयुक्त कर्मचारी संघ जोरदार समर्थन करता। युनियन के प्रान्तीय प्रधान दलबीर किरमारा, वरिष्ठ राज्य उप-प्रधान बलवान सिंह दोदवा,महासचिव आजाद गिल व उप-महासचिव जगदीप लाठर ने संयुक्त ब्यान जारी करते हुए बताया कि आज देश का अन्नदाता अपनी परिवार की रोजी-रोटी की सुरक्षा के लिए के लिए केन्द्र सरकार द्वारा लागू तीन काले कानूनों को रद्द करवाने के लिए विरोध करते हुए 26नवम्बर से लगातार दिल्ली को चारों तरफ से घेरे हुए है। देश के अन्नदाता,पङ रही कडाके की ठण्ड की परवाह न करते हुए 14 दिन से लगातार शान्तिपूर्वक तरीके से आन्दोलन कर रहे हैं तथा उनको देश के हर वर्ग का समर्थन भी मिल रहा है लेकिन इसके बावजूद भी केन्द्र सरकार किसानों की समस्याओं का कोई समाधान नहीं निकाल रही। केंद्र सरकार किसानों के साथ औपचारिकता के नाम पर 5 दौर की वार्ता कर चूकी है लेकिन किसी भी वार्ता में कोई ठोस परिणाम नहीं निकला। इससे साफ जाहिर होता है कि केंद्र सरकार किसान आन्दोलन को गम्भीरता से न लेते हुए टाल मटोल करने का काम कर रही है जो किसानों के साथ घोर अन्याय है। किरमारा,दोदवा व गिल ने बताया कि देश का किसान बार्डर पर देश की सुरक्षा व अन्न उगाकर देश की जनता का पेट भरने का काम करता है।अन्नदाता दिन-रात,धूप-छाँव,सर्दी-गर्मी व बरसात में पुरी मेहनत से काम करके अन्न उगाने का काम करते हैं लेकिन उनकी पैदावार की सही लागत न मिलने की वजह से हजारों किसान कर्जदार हो जाते हैं। जिसकी वजह से प्रति वर्ष सैंकड़ों किसानों को आत्महत्या करने पर मजबूर होना पङ रहा है। लेकिन केन्द्र सरकार को किसानों की कोई चिंता नहीं है। इसी तरह सरकार अब भी कृषि सुधारीकरण के नाम पर कृषि सम्बन्धी तीन कानून लागू करके किसानों को पूंजीपतियों के हाथों में सौंपना चाहती है। इसलिए किसान आन्दोलन बिलकुल जायज़ है। अतः युनियन किसान आन्दोलन का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार से मांग करती है कि किसानों की तुरंत बैठक बुलाकर तीनों कृषि कानूनों को रद्द करके आन्दोलन को खत्म करवाने का काम करे। अगर सरकार ने ऐसा नहीं किया तो हरियाणा रोङवेज संयुक्त कर्मचारी संघ खुलकर किसान आन्दोलन का समर्थन करेगा। Post navigation रोड़वेज कर्मचारियों ने किसानों के भारत बंद के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का बयान