कर्मचारियों द्वारा भारत बंद के समर्थन कारण नहीं चली हजारों बसें. भारत बंद को मिले ऐतिहासिक जन समर्थन से सबक लेकर कृषि कानूनों को रद्द करें सरकार : यूनियन

चण्डीगढ, 8 दिसम्बर! कृषि कानूनों के विरोध में भारत बंद के समर्थन में आल इंडिया रोड़ ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फैडरेशन, सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा व हरियाणा रोड़वेज वर्कर्स यूनियन राज्य कमेटी के आह्वान पर प्रदेश के सभी डिपूओं में जमकर विरोध प्रदर्शन किया व सरकार की हठधर्मिता के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। कर्मचारियों द्वारा भारत बंद के खुल कर समर्थन करने से प्रदेश में हजारों बसों का चक्का जाम रहा।

यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष इन्द्र सिंह बधाना, महासचिव सरबत सिंह पूनिया, वरिष्ठ उप प्रधान नरेन्द्र दिनोद, उप महासचिव बलबीर जाखड़, राज्य कार्यालय सचिव जयकुमार दहिया व प्रेस प्रवक्ता श्रवण कुमार जांगड़ा ने कहा कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के भारत बंद के समर्थन में देश व प्रदेश की आम जनता, राजनीतिक पार्टियों, कर्मचारी संगठनों, ट्रेड यूनियनों व सामाजिक संगठनों, दुकानदारों का भारी समर्थन मिला है। कर्मचारी नेताओं ने कहा किसान आन्दोलन को पहली बार मिले ऐतिहासिक जन समर्थन से सबक लेकर सरकार तुरन्त कृषि कानूनों को रद्द करें। उन्होंने कहा देश भर के करोड़ों लोग कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं, परन्तु केन्द्र सरकार जन भावना की परवाह किये बिना देश के बड़े पूंजीपतियों अडानी व अंबानी के हक में खुलकर खड़ी नजर आ रही है।

रोड़वेज कर्मचारी नेताओं ने कहा अगर सरकार सत्ता के नशे में चूर होकर आन्दोलनकारियों का दमन करके आन्दोलन को तोड़ने व कुचलने का काम करेगी तो ये आन्दोलन देश भर में निर्णायक होकर क्रांति का रूप लेगा। उन्होंने कहा तीनों कृषि कानूनों के कारण घाटे में चल रही खेती व किसानों को बर्बाद कर देंगे। कर्मचारी नेताओं ने केन्द्र व राज्य सरकार से कहा सरकार बिना देरी किये किसान संगठनों से बातचीत करके कृषि कानूनों, बिजली बिल विधेयक व मोटर व्हीकल एक्ट को रद्द करके जनहित में फैसला लें। उन्होंने कहा पैट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी बढ़ौतरी से महंगाई होने के कारण आम आदमी का जीना दूभर हो गया है। उन्होंने टैक्स कम कर पैट्रोल-डीजल के दाम कम करने की मांग की। कर्मचारी नेताओं ने सरकार की हठधर्मिता व दमनकारी नीतियों की जमकर आलोचना की।

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