सुप्रीम कोर्ट ने नई संसद व सैट्रल विस्टा के निर्माण की मंजूरी अभी तक नही दी

8 दिसम्बर 2020 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व लोकसभा स्पीकर ओम बिडला से सार्वजनिक सवाल किया कि जब सुप्रीम कोर्ट ने नई संसद व सैट्रल विस्टा के निर्माण की मंजूरी अभी तक नही दी है व स्पष्ट कहा है कि जब तक इस विषय में कोर्ट कोई आदेश नही देता है, तब तक किसी तरह का निर्माण, तोडफ़ोड, पेड़ों की कटाई न हो, फिर भी 10 दिसम्बर को सैन्ट्रल विस्टा का शिलान्यास करने की जरूरत क्या है?

विद्रोही ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सैन्ट्रल विस्टा शिलान्यास को इतने उतावले क्यों है? इसके पीछे उनका क्या निजी हित जुडा हुआ है? यदि सुप्रीम कोर्ट के इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय तक सरकार शिलान्यास कार्यक्रम को स्थगित कर देती है तो कौनसा पहाडा टूट जायेगा? मोदी सरकार की जल्दबाजी बताती है कि उनका प्रजातांत्रिक परम्पराओं व न्यायालय के प्रति सम्मान की भावना नही है। सैन्ट्रल विस्टा निर्माण का फैसला लेने से पहले न तो विपक्ष से विचार-विमर्श किया गया और न ही विशेषज्ञों की राय ली गई। मोदी सरकार ने एकतरफा निर्णय लेकर इस आर्थिक संकट के दौर में भी 20 हजार करोड़ रूपये सैन्ट्रल विस्टा के नाम पर खर्च करना बताता है कि उनकी प्राथमिकता में गरीबों के लिए कोई स्थान नही है।

विद्रोही ने आरोप लगाया कि मोदी के तुगलकी फरमानों से देश की अर्थव्यवस्था पहले ही बर्बाद हो चुकी है और वे अब अपनी सनक को पूरा करने अर्थव्यवस्था को और रसातल में मिलानेे को आमदा है। शालिनता व नैतिकता का तकाजा है कि सुप्रीम कोर्ट का अंतिम निर्णय आने से पूर्व शिलान्यास कार्यक्रम स्थगित हो, पर सत्ता मद में चूर मोदीजी ऐसा ना करके अपनी फासिस्ट प्रवृत्ति व हिटलरशाही चेहरे को ही बेनकाब कर रहे है। 

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