Haryana Chief Minister Mr. Manohar Lal addressing Digital Press Conference regarding preparedness to tackle Covid-19 in the State at Chandigarh on March 23, 2020.

चंडीगढ़, 7 दिसम्बर- विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को राहत प्रदान करते हुए वर्ष 2020-21 के लिए अस्थाई मान्यता/शिक्षा बोर्ड से सम्बद्धता प्रदान कर दी है। यह मान्यता इस आधार पर एक वर्ष के लिए बढ़ाई गई है ताकि उक्त स्कूलों के संचालक हरियाणा सरकार द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा कर सकें।

   एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस सम्बंध में पिछले दिनों निजी स्कूलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने अपना पक्ष रखते हुए शिक्षा मंत्री के माध्यम से स्कूलों की अस्थाई मान्यता/शिक्षा बोर्ड से सम्बद्धता को एक और वर्ष अर्थात 2020-21 के लिए बढ़ाने का निवेदन किया था। स्कूलों की तरफ से स्कूल शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा ली जाने वाली परीक्षाओं का हवाला दिया गया था। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने एक और वर्ष के लिए उक्त राहत देने का निर्णय लिया है।

   विदित रहे कि प्रदेश में 639 ऐसे स्कूल हैं जिनकी स्थाई मान्यता मिलना अभी लम्बित है और 699 ऐसे स्कूल हैं जो मान्यता रद्द होने के बावजूद अभी चल रहे हैं। इन स्कूलों को पिछले वर्ष 2019-20 के लिए यह उल्लेख करते हुए एक वर्ष के लिए अस्थाई मान्यता दी गई थी कि अगले वर्ष से अस्थाई मान्यता नहीं मिलेगी।

    हर वर्ष अस्थाई मान्यता दिए जाने को कुछ लोगों ने हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा गया है कि इस प्रकार मान्यता दिए जाने से हरियाणा स्कूल शिक्षा अधिनियम 2003 का उल्लंघन किया जा रहा है।

प्रवक्ता ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री के आदेश के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक के नेतृत्व में इस    विषय के समाधान के लिए एक कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी में मौलिक शिक्षा निदेशक, स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर और महाधिवक्ता के प्रतिनिधि को सदस्य के तौर पर किया गया था। उक्त कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। हरियाणा सरकार इस रिपोर्ट पर जल्द निर्णय लेगी । स्कूलों को स्थायी मान्यता के लिए कमेटी द्वारा तय किये गए मानकों और नियमों को पूरा करना होगा।

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