कमलेश भारतीय

किसान आंदोलन के बीच एक चौंकाने वाली खबर । राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बयान दिया कि भाजपा की आंख फिर उनकी सरकार गिराने पर लग गयी है । फिर से विधायकों की सेल शुरू होने जा रही है । यानी फिर से दलबदल का खेल शुरू होने वाला है क्योंकि भाजपा के चाणक्य की प्रेस्टिज का सवाल है । ऐसा वे विधायकों से कह रहे हैं । अभी आज डाॅ अम्बेडकर का दिन है । संविधान निर्माता का । क्या यह संविधान सम्मत है ? विधायक ऑन सेल ?

महाराष्ट्र में सरकार में फूट डालने का जिम्मा शायद अंदरखाने पहले कंगना रानौत को दिया गया कि इतना बदनाम कर दो महाराष्ट्र की अघाडी सरकार को कि इनमें फूट पड़ जाये और सरकार बनाने के लिए शिवसेना फिर भाजपा के सहारे को पाने के लिए लालायित हो उठे । ऐसा नहीं हुआ । शरद पवार ने सब संभाल लिया पर दिल में कसक बाकी है । चाणक्य के । आध रात को संविधान को ताक पर रख कर शपथ दिला कर भी सफलता नहीं मिली । अब फिल्मी सितारों के सहारे । उर्मिला मातोंडकर भी हाथ नहीं लगी । शिवसेना में शामिल हो गयी । कंगना को भी नये डायलाग नहीं मिले । खाली बैठी है ।

राजस्थान की कांग्रेस सरकार को गिराना में मानेसर की कवायद भी किसी काम नहीं आई और पैसा भी डूब गया । पर पैसा लगाने को तो गुप्त लोग तैयार बैठे हैं जिनके बल पर पांच सरकारें गिरा लीं । अब यह राजस्थान कैसे नहीं गिर रही । वही बात कि आखिर कब तक बकरी खैर मनायेगी ? चाणक्य के रहते? कांग्रेस के चाणक्य तो रहे नही जिन्होंने गुजरात में आधी वोट से राज्यसभा चुनाव जीत कर दिखा दिया था । अब नये चाणक्य कौन होंगे कांग्रेस में ? वैसे कोशिश तो अशोक गहलोत की ही है । कांग्रेस अध्यक्ष बनने में भी नाम उछल पड़ा है । देखो । अब सरकार बचाते है या अध्यक्ष बनते हैं ? जो भी हो विधायकों की मंडी लगने ही वाली है ।

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