गोयल ने कहा किसान आंदोलनों के पीछे लग रहे असामाजिक तत्वों पर सरकार को देना होगा ध्यान

गुड़गांव 4 दिसंबर – किसान आंदोलन को समर्थन देने के नाम पर कुछ असामाजिक प्रवृत्ति के लोग किसान आंदोलन के नाम पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए या कहें अपना चेहरा किसानों के नाम पर चमकाने के लिए किसान आंदोलन को कुचलने का प्रयास कर रहे हैं। किसान आंदोलन के नाम पर जो लोग बिना मतलब के राजनीति और बयान बाजी कर रहे हैं। उन पर नव जन चेतना मंच के संयोजक वशिष्ठ कुमार गोयल ने हमला बोला है।

मंच के संयोजक श्री गोयल का कहना है कि कुछ लोग सिर्फ अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिखाना चाहते हैं लेकिन सच्चाई यह है कि पिछले 8 दिनों से जो किसान सड़कों पर खुले आसमान के नीचे बैठकर सरकार से अपनी मांगों को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं। उसमें अब तक किसी राजनीतिक दल की दखलअंदाजी सामने नहीं आई थी। लेकिन किसानों की बढ़ती लड़ाई को देखते हुए अब कुछ ऐसे लोगों के बयान और दिखावे वाले प्रदर्शन सामने आ रहे हैं। जो किसानों के प्रति अपनी सहानुभूति दिखाकर सिर्फ अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं ऐसे लोग किसानों को सिर्फ दिखाने के लिए अलग-अलग स्थानों पर बयानबाजी और झूठे प्रदर्शन कर रहे हैं।

वशिष्ठ कुमार गोयल का कहना है कि अगर सही मायने में किसानों की मदद चाहते हैं तो खुद दिल्ली के बॉर्डर पर पहुंचे और तब तक खुले आसमान के नीचे बैठे रहे जब तक किसानों का कोई हल ना निकले। श्री गोयल का कहना है कि किसानों के नाम पर सिर्फ बयानबाजी करने वाले लोगों को यह समझ लेना चाहिए कि उनकी बयानबाजी से किसानों का कोई हित या अनहिता नहीं होने वाला है। किसान अपने आप में इतना मजबूत है कि वह अपनी मांग सरकार से पूरी कराकर ही दम लेगा।

वशिष्ठ कुमार गोयल ने कहा कि वह किसी पार्टी से नहीं है, वह जिस मंच से जुड़े हैं वह मंच किसानों गरीबों मजदूरों के लिए ही पिछले कई वर्षों से कार्य कर रहा है। उनके मंच के सभी सदस्य और कार्यकर्ता के किसानों की मांग से पूरी सहानुभूति है। नव जन चेतना मंच केंद्र सरकार से मांग करता है कि सरकार जल्द से जल्द किसानों के हित में फैसला सुनाएं।

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