गुड़गांव 1 दिसंबर – नव जन चेतना मंच रजिस्टर्ड हरियाणा के संयोजक वशिष्ट कुमार गोयल ने कहा कि किसान हमारे अन्नदाता है और हमारे अन्नदाता के सभी मांगे जायज हैं श्री गोयल ने कहा कि लगभग एक सप्ताह हो गया है। देशभर के किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर इस ठंड के सीजन में खुले आसमान के नीचे बैठकर अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाना चाह रहे हैं लेकिन कहीं ना कहीं सरकार और किसानों के बीच के तालमेल में गड़बड़ियां हैं जिस कारण किसानों की आवाज केंद्र सरकार अब तक अनसुना कर रही है। श्री गोयल ने कहा कि किसान मजदूर व्यापारी सभी वर्ग के लोग पहले से ही कोरोना महामारी के कारण परेशान है। कोरोना के कारण लाखों की संख्या में युवा बेरोजगार हो रहे हैं। देश के हालात को देखते हुए किसानों की मांग पर सरकार को जल्द अपने फैसले लेने चाहिए। वशिष्ठ कुमार गोयल ने कहा कि केंद्र में सरकार भले ही पूर्ण बहुमत की है। लेकिन सरकार को पिछली सरकारों में हुए आंदोलनों को याद कर लेना चाहिए। किसानों के इस आंदोलन को अगर सरकार हल्के में लेती है तो यह मौजूदा सरकार की सबसे बड़ी भूल होगी। वशिष्ठ कुमार गोयल ने कहा कि सरकार में बैठे राजनेता जिन्हें फैसले लेने हैं उन्हें जेपी आंदोलन याद कर लेना चाहिए उन्हें इंदिरा गांधी के समय में हुए किसानों के अन्य कई बड़े आंदोलनों को याद कर लेना चाहिए जिन आंदोलनों की बदौलत हमारे देश के अन्नदाताओं की आवाज को जिन सरकारों द्वारा अनसुना करने के बाद किस तरह से सबक सिखाए। उससे सीख लेते हुए किसानों द्वारा किए जा रहे आंदोलन पर जल्द से जल्द अपनी स्थिति साफ करनी चाहिए जिससे कि शांतिपूर्ण ढंग से हमारे अन्नदाताओं का हल निकल सके। वशिष्ठ कुमार गोयल ने कहा कि किसान अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने के लिए किसी तरह का नुकसान या किसी तरह का विवाद और लड़ाईया नहीं करना चाहते लेकिन हम किसानों की ओर से इतना जरूर कहेंगे कि हमें कमजोर समझ कर किसी तरह के गलत फैसले लेना या सुनाना कितना महंगा पड़ेगा इसके बारे में सरकारी तंत्र एक बार जरूर सोचे। वशिष्ठ कुमार गोयल ने कहा कि फैसले लेने वाले यह भी जान लें कि आज संसद के सामने बिना कपड़ों के ठंड के सीजन में प्रदर्शन पर बैठे यह वही किसान हैं जिनके बेटे देश की रक्षा के लिए देश की सीमाओं पर अपना लहू बहा रहे हैं। आज उन्हीं के मां बाप सड़कों पर हैं और देश से न्याय की गुहार लगा रहे हैं अगर किसानों के मुद्दे पर कानून बनाने में सरकारी तंत्र से किसी तरह की गलतियां हुई है तो उसमें सुधार करना किसी तरह की राजनीतिक लाभ और हानि से नहीं जोड़ना चाहिए तथा किसानों के हित में कार्य करना चाहिए जिससे देश में खुशहाली कायम रहे। Post navigation मोदी सरकार किसानों की मांग पर दिखाए बड़ा दिलः अजय चौटाला संयुक्त किसान मोर्चा : सरकार कमेटी बनाने पर आमादा, किसान नेता बोले कृषि कानून हो रद्द