30 फीट चैडी भूमि का सरकारी रिकार्ड में कोई मालिक नहीं. कम्पनी कर्मचारी फसल के बीच सिमेंट के पोल गाडने पहुंचे. किसान अदालत का दरवाजा खटखटाने पर मजबूर होंगे फतह सिंह उजाला पटौदी । एनसीआर क्षेत्र में जमीन को लेकर अक्सर तनातनी के मामले सामने आते रहते है। अधिकांश बड़ी और नामी कंपनियों की प्राथमिकता पर गुरूग्राम सहित आसपास के इलाके ही रहते हैं। कई बार जमीनों के सौदे होने के लंबे अंतराल पर भेद खुलता है और फिर विवाद सहित खींचतान भी सामने आती है। ऐसे ही मामले में मौहम्मदपुर -फर्रुखनगर सीमा क्षेत्र के बीच करीब तीस फूट खाली जमीन किसानों और कम्पनी के बीच बनी विवाद का का कारण बन गई है। कम्पनी की पैमाइस को अगर ठीक मान कर कम्पनी जमीन पर कब्जा लेती है तो तहसील, बीडीपीओ कार्यालय, जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग का टयूबैल , किसानों के मकान , तहसील के साथ लगती वत्स कालोनी, नगरपालिका की हडवारी की जमीन भी प्रभावित होगी। जबकि फर्रुखनगर-मौहम्मदपुर की सीमा के बीच शेष 30 फीट चैडी भूमि का सरकारी रिकार्ड में कोई मालिक नहीं दर्शाया गया है। सोमवार को ओएमजी कम्पनी के कर्मचारियों व किसानों के बीच उस वक्त विवाद खडा हो गया जब कम्पनी के कर्मचारी खड़ी फसल के बीच सिमेंट के पोल गाडने पहुंच गए। किसानों ने विरोध स्वरुप गाडे गए पोल उखाड़ दिए। मामले का बिगड़ता देख कम्पनी के कर्मचारियों ने पुलिस कंट्रोल रुम में फोन करके पुलिस बुलाई। तब जाकर मामला शांत हुआ। यहां पर उक्त 30 फीट भूमि को लेकर कम्पनी और किसानों के बीच विवाद है। उन्होंने बताया कि एक तरफ तो कोराना के चलते किसानों की आर्थिक हालत पहले ही पतली है। उपर से किसानों द्वारा उगाई गई गैंदा, जाफरी के फूल, सब्जी आदि की फसल को कम्पनी पोल गाड कर उजाड़ना चहाती है। किसानों का यह भी कहना है कि कम्पनी अपनी कुल भूमि की पैमाईस मौहम्मदपुर की सीमा से सटा कर कराये और पैमाइस से पहले सम्बंधित किसानों, पडौसी खेत मालिकों को भी पैमाइस के समय नोटिस देकर बुलाये। ताकि किसी प्रकार का विवाद न हो सके। उन्होंने बताया कि कम्पनी अगर जबरदस्ती जमीन का कब्जा लेती है तो वह धरना प्रर्दश के लिए मजबूर हो सकते। फिर भी उन्हें न्यान नहीं मिला तो किसान अदालत का दरवाजा खटखटाने पर मजबूर हो सकते है। किसान रगबीर सिंह, राकेश, राजबीर सिंह सैनी, ओम प्रकाश, पार्षद अशोक कोहली, शिवदयाल, सोनू, अमित आदि ने बताया कि एक दशक पहले ओएमजी कम्पनी ने फर्रुखनगर मौहम्मदपुर गांव की करीब 300 एकड़ भूमि अलग -किसानों से खरीदी थी। कम्पनी ने उक्त भूमि पर पैमाइस के बाद पोल खडे़ करके कब्जा लेना शुरु कर दिया। लेकिन फर्रुखनगर शहर की सीमा के अंर्तगत आने वाले खेतों की पैमाइस ठीक नहीं होने के कारण किसान नाखुश है। कम्पनी के कर्मचारी, अधिकारी और पटवारी, गिरदावर द्वारा जो पैमाइस कराई गई है, वह सीमा पत्थर अथवा बूर्जी से न करवा कर गांव मौहम्मदपुर की सीमा रेखा से 30 फीट चैड़ी और करीब 10 एकड़ भूमि की लम्बाई को छोड़ कर कराई गई है। कम्पनी के प्रतिनिधि के तौर पर कब्जा लेने पहुंचे कमर्चारी जयसिंह, रामनिवास आदि ने बताया कि कम्पनी ने अपनी जमीन की पैमाइस करा ली है। Post navigation बेटियों के लालन पालन व शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करे- जरावता छात्रों को टेबलेट, हरियाणा में शिक्षा क्रांति का नया अध्याय : जरावता