29 नवंबर 2020 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने एक बयान में कहा बरोदा विधानसभा उपचुनाव में किसान, मजदूरों, ग्रामीणों द्वारा खट्टर-भाजपा की वोट की चोट से की गई धुनाई के बाद लगता है सत्ता मद में बोराए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का मानसिक संतुलन डगमगा गया है1 तभी वे कभी किसानों को अराजक तत्व बताते हैं और कभी अप्रत्यक्ष रूप से खालिस्तानी बताते हैं1 विद्रोही ने कहा हद तो तब हो गई जब खट्टर जी हरियाणा के किसानों को हरियाणवी मानने को तैयार नहीं?अमृतसर-चंडीगढ-दिल्ली नेशनल हाईवे पर भाजपा खट्टर सरकार व उसकी पुलिस को रोंदते हुए जो हरियाणा के हजारों किसान दिल्ली पहुंचे हैं1 यदि वे हरियाणवी नहीं तो क्या पाकिस्तानी है? दिल्ली जाते हरियाणा पुलिस के जुल्मो का सामना करते हुए जो जांबाज किसान दिल्ली की तरफ बढ़ते गए उन सैकड़ों किसानों के खिलाफ हरियाणा पुलिस ने नामजद एफआईआर दर्ज करके संगीन धाराओं में यहां तक की हत्या के प्रयास में मुकदमे दर्ज किए क्या वे पाकिस्तान से आए किसान हैं? विद्रोही ने कहा कि वैचारिक, नीतिगत व राजनीतिक मतभेद लोकतंत्र में स्वभाविक है1 पर जो मुख्यमंत्री अपने प्रदेश के किसानों को भी हरियाणवी न मानने की हिमाकत करें क्या ऐसे व्यक्ति को प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार है? वहीं पंजाब से हजारों की संख्या में दिल्ली पहुंचे किसानों को कांग्रेस एजेंट व खालिस्तानी समर्थक बताना बीमार मानसिकता नहीं तो और क्या है? जिन जांबाज किसानों के पुरखों ने अंग्रेजी हकूमत से टक्कर लेकर भारत को आजादी दिलवाई वे देशभक्तों के वारिस तो खट्टर जी की नजरों में अराजकतत्व और जिन संघीयो के पुरखों ने आजादी आंदोलन में भारत माता से धोखा करके अंग्रेजी हकूमत के मुखबिर, दलाल बनकर देश की आजादी आंदोलन में रोड़े अटकाए ऐसे संघीयो के वारीस देशभक्त यही अपने आप में क्रूर मजाक है1 विद्रोही ने कहा खट्टर जी कि मानसिकता अनुसार केवल संघी ही हरियाणवी है और संघी विचारधारा का जो विरोधी वे हरियाणवी नहीं है1 ऐसी छोटी सोच के व्यक्ति को भाजपा-संघ ने हरियाणा के मुख्यमंत्री पद पर थोपकर हरियाणवियो का अपमान किया है1 क्या मोदी सरकार के बनाए कानूनों का विरोध करना, उनकी नीतियों, कार्यक्रमों से मतभेद रखना देशद्रोह है1 विद्रोही ने कहा यदि ऐसा है फिर तो हरियाणा के 60 से 70 प्रतिशत से ज्यादा हरियाणवी संघी और खट्टर जी की नजरों में देशद्रोही है1 Post navigation किसान परेशान तो सरकार मस्त क्यों ? किसान आंदोलन का चौथा दिन…गेंद केंद्र के पाले में और किसान सड़क पर पाले में !