सरकार दमनकारी नीतियां अपनाकर किसान, आढ़ती व मजदूरों की आवाज को दबाना चाहती है – बजरंग गर्ग
सरकार को दमनकारी नीति अपनाने की बजाए तीन कृषि कानून को वापिस लेना चाहिए – बजरंग गर्ग
सरकार ने अपने निजी स्वार्थ के लिए किसान व आढ़तियों के हित बड़ी-बड़ी निजी कंपनियों के हाथ बेच दिए – बजरंग गर्ग

चण्डीगढ़ – हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय महासचिव बजरंग गर्ग ने कहा कि किसान द्वारा तीन कृषि काले कानून का शांति प्रिया ढंग से जो आंदोलन कर रहे हैं। केंद्र व हरियाणा सरकार आंदोलन को कुचलने में लगी हुई है। सरकार के आदेशानुसार पुलिस प्रशासन द्वारा किसानों पर लाठीचार्ज व पानी की बौछार करना व आंसू गैस के गोले छोड़ना व किसानों पर झूठे मुकदमे बनाकर उन्हें गिरफ्तार करके लोकतंत्र की हत्या की है। सरकार दमनकारी नीतियां अपनाकर किसान, आढ़ती, मजदूर व आम जनता की आवाज को दबाना चाहती है जो सरासर गलत है।

प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार दमनकारी नीति अपनाने की बजाए सरकार तीन कृषि कानून को तुरंत वापिस लेना चाहिए। सरकार ने तीन कृषि कानून बनाकर किसान, आढ़ती व मजदूरों को बर्बाद करने का काम किया है जबकि सरकार को किसान की हर फसल एमएसपी रेटों में खरीद करने का कानून बनाकर देश व प्रदेश के किसानों की बात को मानना चाहिए जबकि केंद्र सरकार ने अपने निजी स्वार्थ के लिए किसान व आढ़तियों के हित बड़ी बड़ी निजी कंपनियों के हाथों में बेच दिए हैं। जबकि किसान अपनी बात शांतिप्रिय ढंग से रखने के लिए आंदोलन कर रहे हैं मगर सरकार शांतिप्रिय आंदोलन को लाठी-डंडों के जोर से दबाने में लगी हुई है।

प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि देश का अन्नदाता अपनी जायज मांग को मनाने के लिए रात दिन भूखे प्यासे सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं मगर सरकार किसान व आढ़तियों की जायज मांग को मानने की बजाए आंदोलन को कुचलने के लिए पुलिस बल का प्रयोग करके किसान, आढ़ती व आम जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है जिसें किसी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा।

देश की जनता सरकार की दमनकारी नीतियों को देख रही है जबकि केंद्र व हरियाणा सरकार से किसान, व्यापारी, मजदूर, कर्मचारी व देश का हर नागरिक खफा है। सरकार को किसान व आढ़तियों की भारी नाराजगी को देखते हुए तीन कृषि काले कानून में संशोधन करके किसान की हर फसल एमएसपी रेटों पर आढ़ती के माध्यम से खरीद करने का कानून तुरंत प्रभाव से बनाना चाहिए ताकि देश का किसान व आढ़ती बर्बाद होने से बच सकें।

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