पटौदी 21/11/2020 : ‘बीजेपी के अंदर उठ रहे विरोध के स्वरों को दबाने के लिए कॉन्ग्रेस गुटबाजी के नाम का शोर मचा कर भाजपा के कुछ रीढ़ विहीन नेता खुद के घर के तूफान को थामने का असफल प्रयास कर रहे हैं। वो भूल जाते हैं कि भाजपा कई खंडों में बंट कर विखण्ड हो चुकी है’ – बीजेपी पर अपनी प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति से हमला बोलते हुए उक्त बातें कॉन्ग्रेस नेत्री ने कही।

उन्होंने कहा कि बीजेपी को कॉन्ग्रेस की चिंता करने की जरूरत नही उसे पहले अपनी पार्टी के अंदर उठ रहे तूफान को संभालना चाहिए। कॉन्ग्रेस नेत्री के अनुसार प्रदेश बीजेपी कई धड़ों में बंटी हुई है, उनमें प्रमुख रूप से गृहमंत्री, सीएम, धनखड़, कृष्णपाल गुर्ज्जर, चौधरी वीरेंद्र सिंह व राव इंद्रजीत के नाम शामिल हैं।

वर्मा ने कहा कि बरोदा उपचुनाव में बीजेपी की गुटबाजी सड़कों पर साफ दिखाई दी जब बीजेपी का प्रदेशाध्यक्ष चुनावी रैलियों से गायब रहे…नतीजन सत्तासीन बीजेपी का बड़ा पहलवान राजनीति में कॉन्ग्रेस के नौसिखिए प्रत्याशी से चित हो गया।

बीजेपी पार्टी में अपने वर्चस्व की लड़ाई में उलझे दिग्गजों की वजह से खुद सीएम खट्टर कोई भी फैसले लेने में असमर्थ हैं, जिसके कारण उन्हें हर मामले राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश पर ही करने पड़ रहे हैं।

पार्षद व पटौदी से कॉन्ग्रेस पार्टी की संभावित प्रत्याशी वर्मा ने कहा कि रामबिलास शर्मा व अभिमन्यु भी सीएम के खिलाफ आक्रोश का लावा अपने सीने में दबाए बैठे हैं जो कभी भी फुट कर बाहर आ सकता है, उधर सिरसा सांसद दुग्गल भी अभी तक खुद को बीजेपी की संस्कृति में नही ढाल सकी है और गाहे – बगाहे इसकी बानगी उनकी वाणी में देखने को मिल ही जाती है।

उन्होंने यह भी कहा कि दक्षिण हरियाणा की राजनीति के दिग्गज व स्वाभिमानी राजा राव इंद्रजीत भी पार्टी में खुद को असहज महसूस कर रहे हैं जो वो मंचों पर जाहिर कर चुके हैं, वर्मा ने कहा कि प्रदेश बीजेपी में खुद गुटबाजी सीएम खट्टर अपनी असफल राजनीतिक कूटनीति के चलते पैदा कर रहे हैं इसका ताजा उदाहरण राव के धुर विरोधी को चैयरमेन बना कर उन्होंने दिया भी है।

सुनीता वर्मा ने कहा कि बीजेपी केवल अपने आक्रोश को दबाने के लिए कॉन्ग्रेस की गुटबाजी की अफवाहें फैला कर अपनी पार्टी में मचने वाली भगदड़ को रोकने का प्रयास कर रही है, कयोंकि अब बरोदा उपचुनाव के बाद बीजेपी की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। जिसके कारण इनके गठबंधन के नेताओं में भी विरोधाभासी बयान आने लगे हैं, खुद गृहमंत्री अनिल विज भी इस बात को स्वीकार कर चुके की उनके महकमे के ही कई फैसले उनके संज्ञान में लाये बैगर लिए जा रहे हैं और उन्हें केवल स्टैम्प मात्र मंत्री बनाये जाने का प्रयास है। अतः बीजेपी अपना घर सम्भाले कॉन्ग्रेस की वो चिंता न करे। बीजेपी की अंदरूनी गुटबाजी के चलते ही प्रदेश जल्द मध्यावधि चुनाव की आर्थिक मार झेलने वाला है।

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