कोरोना काल में स्कूल खोलने को लेकर सरकार ने दिखाई जल्दबाज़ी- हुड्डासरकार के नकारेपन की वजह से अब तक पूरी नहीं हुई रोहतक-महम-हांसी रेल परियोजना- हुड्डा 19 नवंबर, हांसी(हिसार): बीजेपी जेजेपी गठबंधन सरकार का काम सौ में से ज़ीरो नंबर देने लायक भी नहीं है। यह गठबंधन विकास की बजाय प्रदेश को विनाश की तरफ ले जा रहा है। ये कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा हांसी में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। इस मौके पर हुड्डा ने कहा कि हरियाणा की BJP सरकार के नकारेपन की खुद केंद्र की BJP सरकार की रिपोर्ट ने पोल खोल दी है। रोहतक-महम-हांसी रेल परियोजना का शिलान्यास कांग्रेस सरकार के दौरान 31.07.2013 को हुआ था। इसकी लागत उस वक्त सिर्फ ₹287 करोड़ आंकी गई थी लेकिन प्रदेश सरकार के नकारे पन की वजह से परियोजना में देरी होती चली गई और देरी के चलते लागत 161.32% बढ़कर ₹750 करोड़ हो गई। बावजूद इसके अभी तक रेल परियोजना का आधा काम भी नहीं हुआ। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ऐसी बहुत सारी परियोजनाएं हैं जिन्हें हमारी सरकार के वक्त मंजूरी मिली थी लेकिन मौजूदा सरकार ने अपने निकम्मेपन की वजह से या तो उन परियोजनाओं को रद्द कर दिया या फिर अब तक लटकाया हुआ है। लेकिन जल्द ही प्रदेश की जनता को इस निकम्मी सरकार से मुक्ति मिल सकती है। क्योंकि इस बेमेल गठबंधन सरकार की नींव बहुत कमज़ोर है और कमज़ोर नींव वाली इमारतें अपने आप गिर जाती हैं। बरोदा उपचुनाव के नतीजे से साफ हो गया है कि जनता का रुझान पूरी तरह कांग्रेस की तरफ है। क्योंकि मौजूदा बीजेपी जेजेपी सरकार से हर वर्ग परेशान है। ख़ास तौर पर किसान और मजदूर इस सरकार की नीतियों और रवैए के सबसे ज्यादा शिकार हुए हैं। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि आज भी मंडियों में किसानों की फसल एमएसपी पर नहीं खरीदी जा रही। खुद सरकार के आंकड़े बता रहे हैं कि पिछले साल के मुकाबले अबकी बार धान की खरीद कम हुई है। किसान विरोधी तीन नए कानून आने के साथ ही हमने और किसान संगठनों ने इसकी आशंका जताई थी। वह तमाम आशंकाएं आज सच साबित हो रही हैं। सरकारी खरीद कम होती जा रही है और किसानों को एमएसपी नहीं मिल पा रही है। किसान आज भी अपनी धान और बाजरे को बेचने का इंतजार कर रहे हैं। जिन किसानों ने अपनी फसल बेच दी है उन्हें पेमेंट का इंतजार है। हुड्डा ने कहा कि किसान ही नहीं मौजूदा सरकार नौजवानों और बच्चों को लेकर भी असंवेदनशीलता बरत रही है। जिस तरह से एमबीबीएस की फीस को बढ़ाकर 40 लाख रुपए किया गया है, यह बेहद ही निंदनीय काम है। इससे गरीब और मिडिल क्लास ही नहीं, अपर मिडिल क्लास के बच्चे भी मेडिकल की पढ़ाई नहीं कर पाएंगे। सरकार को बिना देरी किए यह फैसला वापस लेना चाहिए। इतना ही कोरोना काल में बिना तमाम ज़रूरी एहतियात बरते स्कूल खोलने को लेकर भी सरकार ने जल्दबाजी दिखाई। इसका नतीजा यह हुआ कि सैंकड़ों बच्चे संक्रमण की चपेट में आ गए और स्कूल स्टाफ भी कोरोना पॉजिटिव हो गया। सरकार को समझना चाहिए कि बच्चों से सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन जैसे नियमों की पालना करवाना थोड़ा मुश्किल है। इसलिए सरकार स्कूलों को खोलने से पहले हर तरह का एहतियात बरते। भूपेंद्र सिंह हुड्डा आज हांसी में कई निजी कार्यकर्मों में पहुंचे थे। उन्होंने राजेश ठुकराल की माता जी के निधन पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए और शोक संतप्त परिवार से मिलकर सांत्वना दी। उन्होंने हांसी के ही गांव थुराना में सुरेश पन्नू के भाई व माता जी के निधन पर शोक प्रकट किया और परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी। इसके बाद उन्होंने पूर्व मंत्री सुभाष गोयल के ऑफिस में पत्रकारों से बातचीत की। Post navigation यह कैसी आस्था और कैसी लीला? नारी अब निर्भर नहीं , निर्भय और निडर है : रमनजीत कौर