-कमलेश भारतीय आज नारी छुई मुई नहीं रह गयी । वह सशक्त नारी बन चुकी है और अपनी इच्छाओं को पाने के लिए यात्रा पर निकल चुकी है । वह इतनी जागरूक है कि अपने नागा का सृजन करती है । यह कहना है संगीत नाटक अकादमी से बिस्मिल्ला खान युवा रंगकर्मी सहित देश विदेश से सम्मानित रंगकर्मी रमनजीत कौर का । वैसे रमननजीत कौर का अभिनय और रंगमंच से जुनून चंडीगढ़ से ही देखा और तब भी इंटरव्यू किया था । अब इतने बरसों बाद रमनजीत कौर फेसबुक पर मिली । फिर बात की और बहुत कुछ जाना । मूल रूप से चंडीगढ़ निवासी रमनजीत कौर ने सेक्टर सोलह माॅडल स्कूल में पढ़ते समय ही श्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार पा लिया था । फिर सेक्टर ग्यारह के गवर्नमेंट काॅलेज से संगीत वाद्य व कत्थक नृत्य के साथ ग्रेजुएशन की और पंजाब यूनिवर्सिटी से एम ए म्यूजिक । आजकल कोलकाता में ऑल वीमैन थियेटर ग्रुप चला रही है । -कब से थियेटर का शौक लग गया था ?-जब दसवीं में पढ़ रहीं थी तभी से । यूटी, चंडीगढ़ की श्रेष्ठ एक्ट्रेस चुनी गयी और बंगलूर में अंतर्राष्ट्रीय बाल थियेटर में भेजा गया मुझे । -किस निर्देशिका के साथ काम किया ?-प्रसिद्ध निर्देशिका नीलम मान सिंह के साथ । सन् 85 से अब तक उनका योगदान बहुत ज्यादा है । एक बार मैं एनएसडी में दाखिला लेना चाहती थी और हमारा नाटक देखने इब्राहीम अलकाजी आए थे । नाटक में मेरी परफार्मेंस देख कर बोले कि एनएसडी की जरूरत नहीं । इतने बड़े रंगकर्मी से यह सुन कर लगा कि जैसे सम्मान मिल गया । -नीलम मान सिंह जी के साथ कौन कौन से नाटक किए ?-नागमंडलम् , यरमा , द लाइसेंस , किचन कथा और फैदरा । -सब नाटकों में कौन सा चरित्र जो सबसे पसंद और दिल के करीब ?-नागमंडलम् की रानी । -क्यों?-यह छुईमुई नारी से सशक्त नारी बनने की यात्रा है । वह अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए अपने नागा का सृजन करती है । वह हर ज्यादती का विरोध करती है । इसलिए मेरे दिल के बहुत करीब है रानी । -कोलकाता कैसे और कब पहुंच गयी?-सन् 1996 में मनमीत सिंह से शादी के बाद । वे बिजनेसमेन हैं । पर मुझे पूरा स्पोर्ट करते हैं ।-पुरस्कार ? -मुझे तीन माह विदेश में रंगकर्म सीखने की स्काॅलरशिप मिली । जहां मैंने तीन तीन नाट्य संस्थाओं में रंगकर्म की बारीकियां सीखीं । यह भी एक बड़ा सम्मान रहा । फिर संगीत नाटक अकादमी का बिस्मिल्ला खान युवा रंगकर्मी पुरस्कार । संस्कृति पुरस्कार । उत्तम कुमार अवार्ड और फ्रेंच एम्बेसी स्काॅलरशिप सहित अनेक छोटे बड़े पुरस्कार/सम्मान । साइलेंस यूट्यूब फिल्म को बर्लिन फ्लैश फिल्म फेस्टिवल में अवार्ड मिला । यूके का चार्ल्स वालिस अवार्ड । -कोलकाता में किसके साथ थियेटर कर रही हो रमन?-किसी के साथ नहीं बल्कि सन् 2002 से अपना थियेटर ग्रुप बना लिया द क्रिएटिव आर्ट्स अकादमी नाम से और सन् 2011से आँल वीमैन थियेटर ग्रुप बना दिया जिसमें थियेटर ट्रेनिंग दी जाती है । इसमें पांच साल से लेकर सत्तर वर्ष तक के कलाकार ट्रेनिंग ले रहे हैं । मेरे साथ अलग अलग विभागों के अध्यक्ष वरिष्ठ रंगकर्मी हैं । -क्या क्या सिखा रही हो थियेटर में ?-सब कुछ । खुद म्यूजिक और थियेटर के साथ ग्रेजुएशन में कत्थक नृत्य भी सीखा था । अब तक आर्ट्स मैनेजमेंट भी जोड़ दिया । इसमें गैर पेशेवर महिलाएं है । इसमें थियेटर , राइटिंग से लेकर कमुयुनिकैशन और म्यूजिक यक सब की ट्रेनिंग शामिल । सुदीप सेन की कविताओं की प्रस्तुति भी महत्त्वपूर्ण रही । -इनके साथ क्या उपलब्धि रही अब तक ?-सन् 2013 में लाडली पुरस्कार मिला जयपुर में । इंटरनेशनल थियेटर ओलम्पिक्स के आयोजन में । उनतीस महिला कलाकारों के साथ प्रस्तुति दी थी । सार्क सम्मेलन में श्रीलंका आमंत्रित किया गया ग्रुप को । -कोई खास प्रस्तुति ?-महाभारत की महिला पात्रों पर । द डाॅयस ऑफ डिजायर । -कुछ फिल्मों में भी काम किया ?-जी । दीपा मेहता, समीप हैवनिक की कोयला खदानों के मजदूरों के दर्द को चित्रित करती फिल्म में । शालिनी राघवैया के साथ भी । नाटक से क्या मिलता है ?-नाटक से जिंदगी मिलती है । थियेटर एक थेरेपी से कम नहीं । इससे मानसिक संतोष और शारीरिक सेहत मिलता है । यह मेरी ज़िंदगी का सबसे प्रिय साथी है । हमारी शुभकामनाएं रमनजीत कौर को । आप इस नम्बर पर प्रतिक्रिया दे सकते हैं : Post navigation किसान की हो रही है दुर्गति ना बाजरा ना धान की प्रॉपर खरीद और पेमेंट..हुड्डा कोरोना का बढ़ता कहर और दिल बच्चा रखिए