करोड़पति बनने का शॉर्टकट, पिता, रिश्तेदारों को बनाया करोड़पति अब सलाखों के पीछे

कंपनी के खाते से पिता दोस्तों परिजनों के अकाउंट में ट्रांसफर.
कंपनी के द्वारा की गई ऑडिट में खुला यह धोखाधड़ी का धंधा

फतह सिंह उजाला

गुडग़ांव। एक व्यक्ति को स्वयं सहित पिता, परिजनों और दोस्तों को करोड़पति बनाना भारी पड़ गया । अब जब कंपनी के द्वारा कराई गई ऑडिट में धोखाधड़ी से इस प्रकार करोड़ों रुपए अपने परिचितों के अकाउंट में ट्रांसफर कराने के खेल का भंडा फूटा तो मामला पुलिस के पास पहुंचा । पुलिस ने मामला दर्ज कर अपनी जांच पड़ताल के बाद बिना देरी किए करोड़पति बनने के शॉर्टकट के मास्टरमाइंड को सलाखों के पीछे घसीट लिया।

पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक आरकेसीओ ग्रुप जेड वन न्यू पालम विहार गुरुग्राम स्थित कंपनी के अकाउंट मैनेजर तरुण कुमार के द्वारा पुलिस में दी गई शिकायत के माध्यम से बताया गया कि कंपनी की ऑडिट में करोड़ों रुपए की हेराफेरी सामने आई है । इसी आधार पर पुलिस ने कंपनी में बतौर अकाउंट एग्जीक्यूटिव काम करने वाले रणविजय पुत्र शिवाजी सिंह को गिरफ्तार कर लिया । इस मामले की जांच अपराध शाखा सेक्टर 31 के पुलिस अधिकारी नवीन कुमार और उनकी टीम के द्वारा की गई । कंपनी के अकाउंट मैनेजर करण कुमार के द्वारा शिकायत में बताया गया था कि करीब 7 करोड रुपए की हेरा फेरी करके कंपनी के अकाउंट से अन्य अकाउंट में ट्रांसफर किए गए हैं ।

पुलिस टीम में अपनी जांच पड़ताल के बाद उपरोक्त कंपनी में अकाउंट एग्जीक्यूटिव के तौर पर कार्यरत आरोपी रणविजय सिंह पुत्र शिवाजी सिंह गांव महत्तरा थाना बिक्रमगंज जिला रोहतास हाल निवासी गली नंबर 2 सारिका विहार नजफगढ़ को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने पुलिस के द्वारा की गई पूछताछ में खुलासा किया कि कंपनी में रोजमर्रा तथा कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी का लेनदेन के लिए उसे अधिकृत किया गया था। कंपनी के अकाउंट से धोखाधड़ी करके कंपनी के खाते में से उसने अपने पिता, परिवार के सदस्यों और दोस्तों के बैंक खातों में कंपनी को बिना बताए धीरे-धीरे पैसे ट्रांसफर करवाने शुरू कर दिए ।

आरोपी ने पुलिस पूछताछ में करीब 5 करोड रुपए ट्रांसफर करने की बात को स्वीकार किया है । पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक शातिर दिमाग अकाउंट एग्जीक्यूटिव रणविजय सिंह को कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा । जिससे कि धोखाधड़ी से संबंधित सभी बैंक खातों में ट्रांसफर करवाई गई रकम की डिटेल के बारे में जानकारी हासिल की जा सके और साथ-साथ आरोपी के द्वारा हेराफेरी करके ट्रांसफर करके की गई रकम को भी बरामद किया जा सके।

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