नए नियमों के कारण रजिस्ट्री कराने वाले धक्के खाने को मजबूर. पहले एक स्थान पर होती थी रजिस्ट्री. अब अलग-अलग विभागों में लगाना होता है चक्कर. यहां आईडी के नाम पर भी हो रहा है बड़ा भ्रष्टाचार

गुड़गांव 6 नवंबर – क्या कोई विभाग भ्रष्टाचार का भी बंटवारा कर सकता है यहां रजिस्ट्री के नाम पर हो रहे घोटालों को रोकने के लिए सरकार ने कुछ ऐसे ही नियम बना लिए हैं कि अब भ्रष्टाचार तो रुका नहीं बल्कि भ्रष्टाचार का बंटवारा जरूर हो गया है। यह कहना है नव जन चेतना मंच के संयोजक वशिष्ठ कुमार गोयल का

वशिष्ठ कुमार गोयल ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने पहले तो सभी नियमों और कानूनों को ताक पर रखते हुए रजिस्ट्री पर प्रतिबंध लगाया गुरुग्राम में कई महीनों तक रजिस्ट्रीया बंद रही उसके बाद अब नए नए नियम और सॉफ्टवेयर के नाम पर जमीन की रजिस्ट्री बंद है। जो रजिस्ट्री हो भी रही है वह कैसे हो रही है इसका अंदाजा तो लगाया जा सकता है.

वशिष्ठ कुमार गोयल ने कहा कि पहले एक स्थान पर सिर्फ तहसील कार्यालय में लोग जाते थे अपनी जमीन के कागजात देते थे और जैसे चाहते थे वैसे रजिस्ट्री हो जाती थी जो नंबर दो की रजिस्ट्री होती थी। उसमें भ्रष्टाचार होते थे, यहां तो अब नंबर दो हो या नंबर 1 सभी रजिस्ट्री में भ्रष्टाचार शुरू हो गया कारण यह है कि अब रजिस्ट्री करने से पहले आईडी मांगी जाती है। आखिर यह आईडी क्यों मांगी जा रही है क्या आईडी के बेस पर रजिस्ट्री हो सकती है। आईडी का मतलब यह है कि जमीन जिस डिपार्टमेंट के क्षेत्र में है उस डिपार्टमेंट की ओर से एक आईडी बना कर दी जाती है उस आईडी बनाने के नाम पर भी यहां बड़ा भ्रष्टाचार हो रहा है कोई भी अधिकारी कर्मचारी बिना ऊपर से फीस लिए आईडी नहीं बनाता है। अगर आपने ऊपर से फीस नहीं दिया है तो आपको आईडी बनवाने के लिए कितने धक्के खाने होंगे इसका अंदाजा भी लगाना मुश्किल है। यह आईडी बनाने के लिए ना तो कोई अलग से अधिकारी नियुक्त है ना ही कोई समय सीमा निर्धारित है। आदमी कितना भी परेशान है उससे कोई मतलब किसी को विभागीय अधिकारियों को नहीं होता है।

वशिष्ठ कुमार गोयल ने कहा कि जब जमीन की रजिस्ट्री करते समय आप सभी तरह के दस्तावेज ले रहे हो तो फिर विभागों से आईडी बनवाने का मतलब सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार को बांटने का कार्य किया जा रहा है मतलब पहले एक विभाग भ्रष्टाचार में लिप्त था। अब रजिस्ट्री के नाम पर वह भी विभाग जुड़ गए जो आपको रजिस्ट्री करने से पहले आईडी बना कर देते हैं श्री गोयल ने कहा कि अगर तहसील में सॉफ्टवेयर नहीं चल रहे हैं तो पब्लिक के फंडामेंट राइट को प्रशासनिक अधिकारी रजिस्ट्री करने से कैसे रोक सकते हैं पहले भी मैनुअल रजिस्ट्री होती रही है अगर इतनी अधिक परेशानी रजिस्ट्री को लेकर आ रही है तो मैनुअल रजिस्ट्री क्यों नहीं हो रही श्री गोयल का आरोप है कि जबकि आज भी अधिकारी अपने चहेतों या फिर कहें ऐसे दलालों की रजिस्ट्री मैनुअल कर रहे हैं। जिनसे उनकी जेब गर्म हो रही है और आम आदमी जरूरतमंद जिन्हें अपनी बेटी की शादी के लिए या अपने कारोबार के लिए या अपने निजी बीमारी या अन्य कार्यों के लिए जमीन बेचना है जिन्हें पैसों की जरूरत है वह धक्के खाने को मजबूर है।

वशिष्ठ कुमार गोयल ने कहा कि आज के दौर में अधिकारी मस्त है कहां क्या हो रहा है सरकार में बैठे नेता भी इसकी जानकारी ना ले रहे हैं ना ही कोई कार्रवाई अमल में ला रहे हैं।

error: Content is protected !!