–प्रधान ने कहा जुलाई तक के वेतन का 25 प्रतिशत आंशिक भुगतान दिया

नारनौल, (रामचंद्र सैनी): सैनी सभा नारनौल द्वारा संचालित स्कूल के स्टाफ ने सभा मैनेजमेंट पर पिछले सात महीनों से वेतन नहीं देने का आरोप लगाया है। वेतन ना मिलने से क्षुब्ध विद्यालय के आठ स्टाफ सदस्यों ने नारनौल के खंड शिक्षा अधिकारी को एक लिखित शिकायत सौंपकर सैनी सभा की मैनेजमेंट से स्टाफ सदस्यों को वेतन दिलाने की मांग की है। जिन आठ सदस्यों ने खंड शिक्षा अधिकारी को शिकायत सौंपी उनमें पांच शिक्षक और तीन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शामिल है। स्कूल के अन्य स्टाफ भी वेतन ना मिलने के कारण परेशान तथा मैनेजमेंट के रवैये से नाखुश है, लेकिन अपनी नौकरी के चक्कर में मुंह खोलने को तैयार नहीं है।

खंड शिक्षा अधिकारी को शिकायत सौंपने वाले प्रमोद कुमार, धर्मदेव, आशा रानी, किरण सैनी, गिरीश कुमार शशी, मनीष व प्रवीन ने बताया कि मार्च में लॉकडाउन के बाद उन्हें घर से ही ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने के आदेश दिए गए थे। सभा मैनेजमेंट द्वारा प्राइमरी टीचर को पांच हजार, टीजीटी को 6 हजार तथा पीजीटी को महज 7500 रुपये प्रतिमाह वेतन दिया जाता है। इसके बावजूद उन्होंने ऑनलाइन कक्षाओं के लिए 10 से 12 हजार रूपये तक एनड्राइड फोन अपनी जेब से खरीदे और उनमें नेट प्लान डलवाया। स्कूल के इन स्टाफ सदस्यों ने बताया कि लॉकडाउन में ढील के बाद सभा व स्कूल प्रबंधन द्वारा जब भी उन्हें स्कूल में बुलाया गया वे समय पर गए। इसके बाद 21 सितंबर से वो स्कूल में नियमित रूप से जा रहे हैं लेकिन सभा मैनेजेमेंट से बार-बार वेतन की मांग की गई तो उन्होंने उनकी हक की परवाह नहीं की।

खंड शिक्षा अधिकारी को दी गई अपनी शिकायत में स्टाफ सदस्यों ने यह भी कहा है कि  अभी पिछले दिनों सभा मैनेजमेंट ने अध्यापकों की गैर मौजूदगी में एक बैठक आयोजित करके यह प्रस्ताव पास किया कि अप्रैल से जुलाई तक के वेतन का 25 प्रतिशत आंशिक आर्थिक सहायता स्टाफ को दे दी जाये। शिक्षकों ने कहा कि कहा है कि उनका वेतन पहले ही ना के बराबर है और उसमें से भी महज चार माह का आंशिक भुगतान न्याय संगत की बजाय स्कूल स्टाफ के हको पर कुठाराघात है।

शिक्षकों ने कहा कि सभा मैनेजमेंट कुल 21 लोगों की है। इनमें प्रधान बिशन कुमार, उप प्रधान संजय कुमार सहित कुल 4 लोग सरकारी नौकरी में कार्यरत है। इसलिए यह चारों व्यक्ति स्कूल स्टाफ व सभा के लाइफ मैंबरों के सामने इस बात का खुलासा करे क्या उन्हें भी सरकार से अप्रैल से लेकर अब तक उनके वेतन का 25 प्रतिशत आंशिक भुगतान मिला है और तो तब जब उनका सरकारी वेतन स्कूल स्टाफ के सदस्यों से कई गुणा अधिक है। वेतन की मांग करने वाले स्टाफ सदस्यों ने कहा कि सभा मैनेजमेंट के मुखिया जब सरकार से खुद पूरा वेतन बिना कार्यालय गए प्राप्त कर चुके हैं तो स्कूल स्टाफ द्वारा काम करते हुए भी आंशिक भुगतान किस कानून और मानवीयता के तहत देने का प्रस्ताव पास कर रहे हैं।

क्या कहते हैं प्रधाान:-इस बारे में सैनी सभा के प्रधान बिशन कुमार ने बताया कि सभा मैनेजमेंट ने एक प्रस्ताव पास स्कूल स्टाफ के सभी सदस्यों को अप्रैल से जुलाई तक के वेतन में से आंशिक भुगतान कर दिया है। इस मामले में उनकी शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों से भी बातचीत हो गई है।

एक शिक्षक का पत्र उसे कुछ हुआ तो सभा और स्कूल प्रबंधन होंगे जिम्मेदार

नारनौल: इस मामले में प्रमोद कुमार नामक एक अध्यापक ने स्कूल के प्राचार्य को अलग से एक पत्र सौंपकर अपना पूरा वेतन देने की मांग की। साथ ही कहा है कि मैनेजमेंट द्वारा 25 प्रतिशत वेतन देने के निर्णय से उसे आघात लगा है। वह बीपी का मरीज है और जब से मैनेजमेंट के फैसले के बारे में उसे पता चला है तब से उसका बीपी बढ़ा रहता है। यदि उसे कुछ भी हो जाता है तो इसके लिए सभा मैनेजमेंट और स्कूल प्रबंधन जिम्मेदार होगा, क्योंकि उसने स्कूल में अपनी ड्यूटी पूरी कर्तव्यनिष्ष्ठा के साथ निभाई है।

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