जिला बार एसोसिएशन चुनावी विवाद

– साधारण सभा में पर्यवेक्षक के समक्ष ही हो गई हाथापाई*

*नारनौल:* रामचन्द्र सैनी

जिला बार एसोसिएशन के चुनावी विवाद आज अधिक बढ गया है। बार काउंसिल पंजाब एवं हरियाणा द्वारा भेजे गए पर्यवेक्षक के समक्ष वकीलों ने खूब बवाल काटा। विवाद इतना बढा की वकीलों के मध्य हाथापाई हो गई।

 जिला बार एसोसिएशन नारनौल के चुनावों का विवाद गत सितम्बर माह से चल रहा है। प्रधान पद के प्रत्याशी यशवंत यादव व राजपाल लाम्बा का आरोप यह है कि 14 सितम्बर की बैठक ऑनलाईन चुनावों के सम्बन्ध में बुलाई गई थी। उस बैठक में चुनाव अधिकारी औम प्रकाश यादव एडवोकेट द्वारा बिना किसी एजेंडे के कार्यकारिणी का कार्यकाल बढ़ाना अनुचित था। इस संबंध में यशवंत यादव एडवोकेट ने बार काउंसिल को एक शिकायत की थी। जिसकी सुनवाई के लिए चुनाव अधिकारी औम प्रकाश यादव, अशोक यादव व प्रधान पद प्रत्याशी यशवंत यादव को बार काउंसिल ने 26 अक्तूबर को चण्ड़ीगढ़ तलब किया था।

बार काउंसिल की तीन सदस्यीय चुनावी समिति के निर्णय में मतभेद होने के कारण बार काउंसिल के चेयरमैन ने सोमवार को बार काउंसिल द्वारा भेजे गए पर्ववेक्षक सुशील शर्मा को निष्पक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करने तथा सम्पूर्ण कार्रवाई की विड़ीयो रिकॉर्डिंग करने के आदेश दिए थे। बार काउंसिल के निर्देश के चलते सोमवार को जिला बार एसोसिएशन की साधारण सभा की बैठक होनी थी। बैठक प्रारंभ होने के बाद जब बार एसोसिएशन के चुनाव अधिकारी ने 14 सितम्बर के प्रस्ताव पर सर्वसम्मति होने के बारे प्रश्र किया तो कुछ अधिवक्ताओं के हामी भरने तथा कुछ अधिवक्ताओं के नकार दिए जाने के बाद, विवाद ने गति ले ली। उसके बाद विवाद इतना बढ़ा की अधिवक्ताओं के बीच बार काउंसिल के पर्यवेक्षक के समक्ष ही आपस में हाथापाई हो गई। जब विवाद अधिक बढ़ गया तो पर्यवेक्षक ने बैठक को रद्द किए जाने की घोषणा कर दी।

 पर्यवेक्षक सुशील शर्मा का कहना है कि उन्होंने विड़ीयो ले ली है तथा वे अपनी रिपोर्ट बार काउंसिल के चेयरमैन के समक्ष प्रस्तुत कर देंगे, जिस पर निर्णय बार काउंसिल को लेना है।

प्रधान पद के प्रत्याशी यशवंत यादव ने बताया कि कुछ अधिवक्ताओं ने विवाद को अनावश्यक ही तूल दिया है। उन्होंने कहा कि जब जिला बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान मनीष वशिष्ठ एड़वोकेट अपनी बात रख रहे थे तो कुछ अधिवक्ता उन पर हमलावर होकर आए। उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं का यह आचरण उचित नहीं है। उनका कहना है कि अधिवक्ता बुद्धिजीवी वर्ग से हैं, चुनावी विवाद लोकतांत्रिक प्रणाली का हिस्सा है, यदि ऐसे विवाद में नौबत हाथापाई तक आ जाए तो यह कतई उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में अपनी बात रखने तथा अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने का सबको अधिकार है। यशवंत यादव ने कहा कि उनका किसी व्यक्ति विषेश से विरोध नहीं है, वे जिला बार एसोसिएशन के लोकतंत्र को बहाल करने के लिए अपना संघर्ष कर रहे हैं।

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