लॉकडाउन के समय प्रदेश के 32 शहरों में 30 हजार से ज्यादा गलत रजिस्ट्रीयां कर हजारों करोड़ का घोटाला किया गया: अभय सिंह चौटाला चंडीगढ़, 5 नवम्बर: इनेलो द्वारा विधान सभा अध्यक्ष को दिए गए लॉकडाउन के दौरान शिशु मृत्यु दर में हुई वृद्धि और प्रदेश में रजिस्ट्रियों में हुए भ्रष्टाचार बारे दो ध्यानाकर्षण प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। रजिस्ट्रियों में हुए भ्रष्टाचार बारे दिए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के उपर बोलते हुए इनेलो के प्रधान महासचिव एवं विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि मंत्री द्वारा दिया गया जवाब ही असंगत है जिसमें वो कहते हैं कि अचल संपतियों का अवैध पंजीकरण नहीं किया गया है जबकि इसी में यह बात भी सरकार द्वारा मानी गई है कि नियमों की अवहेलना हुई है। सरकार द्वारा यह भी माना गया है कि 1555 पंजीकृत बिक्री पत्रों तथा पट्टेनामों पर दस्तावेजों के पंजीकरण के समय हरियाण विकास और शहरी क्षेत्र अधिनियम 1975 की धारा 7ए के तहत डीटीपी से एनओसी नहीं ली गई। उन्होंने कहा कि इसके अलावा सरकार का यह जवाब कि सरकार को राजस्व का कोई नुक्सान नहीं हुआ, अपने आप में गुमराह करने वाला है क्योंकि धारा 7ए के प्रावधान का पालन न करने पर विभिन्न अधिकारियों के खिलाफ सरकार ने कार्रवाई की तथा विभिन्न थानों में मुकदमें भी दर्ज किए गए हैं। इनेलो नेता ने कहा कि लॉकडाउन के समय प्रदेश के 32 शहरों में 30 हजार से ज्यादा गलत रजिस्ट्रियां हुई जिनमें नियमों को ताक पर रख कर हजारों करोड़ का घोटाला किया गया। अकेले गुरूग्राम में 1199 रजिस्ट्रियां की गई जिनमें अवैध कालोनियां काटी गई। कृषि भूमि जो धारा 7ए के तहत आती है, उनकी बगैर एनओसी के रजिस्ट्रियां की गई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने स्वयं माना था कि रजिस्ट्री घोटाला हुआ है फिर मंत्री कैसे सफाई दे सकता है कि कोई गड़बड़ नहीं हुई। सरकार के अधिकारी कहते पकड़े गए हैं कि पैसा ऊपर तक जाता है, यहां तक की भाजपा के नेताओं के भी बयान आए हैं कि रजिस्ट्रियां बगैर पैसे दिए नहीं होती।लॉकडाउन के दौरान शिशु मृत्यू दर में हुई वृद्धि पर बोलते हुए इनेलो नेता ने कहा कि अस्पतालों में ओपीडी बंद होने के कारण जहां बड़े-बड़े सरकारी अस्पताल हैं, वहां पर बच्चों की मृत्यु दर बहुत ज्यादा है। रोहतक जहां मेडीकल कालेज है वहां सबसे ज्यादा 377 बच्चे, नूंह में 97 बच्चे, फरीदाबाद में 79, हिसार में 76, करनाल जहां मेडिकल कालेज भी है, में 64 बच्चों की मृत्यु हुई है। Post navigation हरियाणा विधानसभा सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहा मानसून सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन विधानसभा में जमकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कृषि कानूनों को लेकर बहस हुई