चंडीगढ़ – विधानसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमिटी की बैठक में फैसला लिया गया है कि सदन की अवधि केवल 2 दिन रहेगी. इस बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल, डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता और नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा शामिल थे .

प्रश्न यह है की कोरोनावायरस के खतरे को देखते हुए सदन की अवधि तो 2 दिन कर दी और चुनाव में सभी दलों के नेता बड़े जोरों से चुनाव प्रचार कर रहे थे बड़ी बड़ी सभाएं कर रहे थे अर्थात उस समय उन्हें कोरोना का डर नहीं था, विशेष रुप से भाजपा के तो सारे हरियाणा के नेता बरोदा इकट्ठे हुए थे ऐसी हालत में सदन को न चलाना कितना उचित है यह आम जनता सोच सकती है.

सरकार के पास सब प्रकार के साधन है सोशल डिस्टेंसिंग के सारे नियम लागू हो जाते हैं फिर विधानसभा में जनता के मुद्दों के लिए समय क्यों नहीं ?

अवधि केवल 2 दिन क्यों जनता के नित नए मुद्दे होते हैं और पहले भी 6 माह बाद सदन की औपचारिकता पूरी की गई थी और अब भी केवल 2 दिन दिए हैं ऐसे में जनता के सब मुद्दे किस प्रकार उठ पाएंगे किस प्रकार चर्चा हो पाएगी और किस प्रकार जनता के की समस्याओं को सदन के समक्ष रखा जाएगा ?