कमलेश भारतीय

बरोदा में उप चुनाव क्या आया कि वहां राम राज आयेगा या जंगल राज इस पर बहस छिड़ गयी । भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ कह रहे हैं कि यदि भाजपा जीती तो बरोदा जीतेगा और यदि कांग्रेस जीती तो किलोई यानी सिर्फ भूपेंद्र सिंह हुड्डा जीतेंगे । है न अजीब व्याख्या । सवाल पूछो तो पूछो कि राम राज चाहते हो या जंगल राज? इसीलिए राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने पूछ लिया कि क्या और कैसा राज चाहते हो -रामराज या जंगल राज? इसलिए तुरंत गृहमंत्री अनिल निज से इस्तीफा तक मांग लिया है । खासतौर पर निकिता कांड के बाद । कानून व्यवस्था की हालत पर चिंता व्यक्त करते हुए इस्तीफा मांगा है ।
इधर देवीलाल परिवार में अलग से बयानबाज़ी हो रही है । जहां पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला कह रहे हैं कि बरोदा उपचुनाव के परिणाम के बाद भाजपा जजपा गठबंधन सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो जायेगी । इन्हीं के सुपुत्र व जजपा के संस्थापक अजय चौटाला सवाल पूछ रहे हैं कि समझ में नहीं आता कि एक अकेला विधायक कैसे शुरू करेगा सरकार की उल्टी गिनती ? जहां भाजपा व जजपा नेता यह आरोप लगा रहे हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस क्षेत्र में जीत के बावजूद कोई विकास कार्य नहीं करवाये । दूसरी ओर दीपेंद्र हुड्डा कह रहे हैं कि कभी स्पीड ब्रेकर पर रुकने के बावजूद इस क्षेत्र के निवासियों का मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हाल चाल नहीं जाना ।

इस तरह रोचक सवाल -जवाब और आरोप प्रत्यारोप लगाये जा रहे हैं । यह चुनाव प्रचार के अंतिम दिन तक चलते रहेंगे । एक मजेदार बयान दिया हमारे बुद्धिजीवी मंत्री चौ रणजीत सिंह ने , जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती । अपने ही पिता चौ देवीलाल के करिश्मे को कम करते कहा कि इनेलो सदैव भाजपा के सहारे सत्ता मे आई । क्या इस पर विश्वास किया जा सकता है ? तो आप भाजपा को बाहर से समर्थन क्यों दे रहे हो ? आप भाजपा में शामिल क्यों नहीं हो जाते ? पहले भी आप भाजपा में शामिल हुए थे लेकिन फिर कांग्रेस में लौटे । विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया तो आप निर्दलीय चुनाव लड़े ।

बड़े भाई ओमप्रकाश चौटाला ने प्यार जताते हुए इनेलो का प्रत्याशी नहीं उतारा ताकि आप आराम से जीत जायें और ऐसा हुआ भी । अब आपको इसी पार्टी के संस्थापक और अपने पिता चौ देवीलाल का करिश्माई व्यक्तित्व भाजपा से कम लगने लगा ? चौ देवीलाल उप प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे और देश की राजनीति में उनका योगदान कम नहीं । कुछ तो बड़ा सोचो । कुछ तो अच्छा सोचो और कहो । चुनाव तो आकर चला जायेगा पर आपके बोल दर्ज रह जायेंगे और फिर चुनावों में इनका जिन्न बाहर आयेगा ।

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