रमेश गोयत चंडीगढ़, पंचकूला, 29 अक्तूबर। में 6 करोड़ से भी अधिक पानी व सिवरेज के बिल बिना रिकवरी के रूक गए है। एचएसवीपी की इंजीनियरिंग विंग द्वारा आॅनलाइन जल बिलिंग के कार्य को बैंगलोर की एक कम्पनी को ठेका दिया था। मगर इस कम्पनी ने कार्य करना बन्द कर दिया है। जिसके कारण अकेले पंचकूला में 40 हजार से भी अधिक कनेक्शनो का 6 करोड़ से भी अधिक के पानी व सिवरेज के बिलो का राजस्व रूक गया है। वही एचएसवीपी विभाग में पानी के मीटर की रिड़िग लेने वाले मीटर रीडर करन्ट डयूटी चार्ज के तहत जेई बन गए थे। जेई को करंट डयूटी एसडीओ बना दिया था। बाद में सब से चार्ज वापिस ले लिया था। एचएसवीपी ने इस कम्पनी के साथ 16 अक्तूबर 2015 के साथ आॅनलाइन जल बिलिंग समझौता 18 रूपए पर बिल के हिसाब से किया था। बाद में यह रेट 28 रूपए प्रति बिल भी कर दिया था। गुड़गावा को छोड़कर हरियाणा में 2 लाख से भी अधिक शहरी विकास प्राधिकरण के पानी के कनेक्शन है। पंचकूला के सैक्टर 8 और 1 में पानी व सिवरेज के बिल लेने के सैंटर है। लोग अपने घरो के पानी व सिवरेज के बिल भरने के लिए आ रहे है। मगर कंम्पूटर में सिस्टम ठिक नही होने के कारण नही लिए जा रहे है। कंम्पूटर कम रिडिंग वालो का ज्यादा व ज्यादा वाला का कम रेट दिखा रहे है। जिसकें कारण सभी बिना बिल जमा करवाए वापिस जा रहे है। कर्मचारी भी तकनीकी कमी का हवाला देकर अलगें महीने आने की बात कह कर अपना पीछा छूटा रहें है। एचएसवीपी ने बीसीआईटीएस प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंधक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जिसमें कारण बताओ नोटिस में कहा गया है कि एचएसवीपी की इंजीनियरिंग विंग द्वारा 01 अक्तूबर 2020 से आॅनलाइन जल बिलिंग के कार्य को संभालने बारे एचएसवीपी 16 अक्तूबर 2015 के साथ आपके समझौते को क्रियान्वित किया गया और आगे उल्लिखित विषय पर 30 जून 2020 तक जारी रहा। एचएसवीपी ने कम्पनी को कहा कि आपको आवंटित एचएसवीपी आवंटियों की आॅनलाइन जल बिलिंग प्रणाली की अनुबंध अवधि 30 जून 2020 को समाप्त हो गई थी। कंपनी ने अनुबंध अवधि के दौरान एचएसवीपी कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान करना था। मगर नही किया। Post navigation मर्ज मालुम है तो इलाज क्यों नहीं करती बीजेपी! बरोदा में राम राज या जंगल राज?