आज गन्ने की फसल को उगाने के लिए इस्तेमाल होने वाली खाद, बीज, दवाई, मजदूरी और डीजल के रेट बढ़ गए हैं लेकिन गन्ने का भाव नहीं बढ़ा

चंडीगढ़, 27 अक्तूबर: इनेलो के प्र्रधान महासचिव एवं विधायक अभय सिंह चौटाला ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि हरियाणा की गठबंधन सरकार ने जहां प्रदेश के किसानों को मंडियों में लूटने का काम किया है, अन्नदाता पर लाठियां चलाने का कुकृत्य किया है, किसानों पर झूठे मुकद्दमे लगा कर जेल में डाला है, काले कृषि कानून लाकर किसानों की जमीन छीनने का खाका तैयार किया है, वहीं हरियाणा में गन्ने की फसल का उत्पादन करने वाले किसानों के साथ भी अनदेखी कर उन पर अत्याचार किया जा रहा है।

इनेलो नेता ने बताया कि हरियाणा के गन्ना उत्पादकों को उसकी फसल का उचित भाव मिले, इसके लिए प्रदेश में शुगरकेन कंट्रोल बोर्ड स्थापित है जिसक ा चेयरमैन प्रदेश का मुख्यमंत्री है। यह बोर्ड हर साल बैठक कर गन्ने का मूल्य तय करता है। इस साल अभी तक शुगरकेन कंट्रोल बोर्ड की बैठक भी नहीं बुलाई गई है जिस कारण गन्ने का भाव तय नहीं किया जा सका है। पिछले साल (2019-2020) भी प्रदेश सरकार ने गन्ना किसानों की अनदेखी करते हुए गन्ने के भाव नहीं बढ़ाए थे। उन्होंने कहा हमारी मांग है कि सरकार तुरंत प्रभाव से गन्ने का भाव 400 रुपए प्रति क्विंटल घोषित करे ताकि गन्ना किसानों को उनकी फसल का उचित भाव मिल सके। आज गन्ने की फसल को उगाने के लिए इस्तेमाल होने वाली खाद, बीज, दवाई, मजदूरी और डीजल के रेट बढ़ गए हैं लेकिन गन्ने का भाव नहीं बढ़ा है।

उन्होंने कहा कि आज प्रदेश की सरकारी शुगर मीलों में गन्ने की पिराई शुरू नहीं की गई है जिससे किसान परेशान हैं। हमारे प्रदेश में गन्ने की फसल लगाने वाले किसान दो वेरायटी का इस्तेमाल करते हैं, एक अरली और दूसरी लेट वेरायटी। अब गन्ने की अरली वेरायटी का समय है और अगर तुरंत प्रभाव से शुगर मील शुरू नहीं की गई तो अरली वेरायटी के गन्ने का शुगर कंटैन्ट कम हो जाएगा जिससे चीनी का उत्पादन कम होगा और शुगर मील को भारी घाटा होगा।

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