विगत एक साल में इतने घोटाले हुए जितने घोटाले कभी किसी सरकार के पांच साल के कार्यकाल में भी नही हुए। प्रदेश की महत्वपूर्ण पोस्टों पर संघी पदाधिकारियों को मोटा चढावा देकर मनचाही पोस्टिंग अफसर पा रहे

अक्टूबर 2020 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा भाजपा-जजपा सरकार व मुख्यमंत्री मनोहरला खट्टर जी के दूसरे कार्याकाल का एक साल पूरा होने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इस सरकार को हरियाणा के प्रजातांत्रिक इतिहास की निष्कृष्टतम, भ्रष्टचारी सरकार बताया।

विद्रोही ने कहा कि अक्टूबर 2019 के चुनाव के बाद भाजपा-जजपा ने अवसरवाद, सिद्धांतहीनता व अनैतिकता की सभी सीमाओं को लांघकर केन्द्र की सत्ता दुरूपयोग व पैसों के भारी लेन-देन के बदले एक साल पूर्व सरकार बनाने में जरूर सफलता पाई, पर इस सरकार के एक साल का कार्यकाल निराशाजनक, घोटाले व कुशासन से भरा भ्रष्टाचारी, जनविरोधी शासन रहा है। विगत एक साल में इतने घोटाले हुए जितने घोटाले कभी किसी सरकार के पांच साल के कार्यकाल में भी नही हुए।

विगत एक साल से भाजपा-संघी व दुष्यंत चौटाला परिवार ने सत्ता का दोहन करके भ्रष्टाचार से मोटी चांदी कूटी। यह सरकार कितनी अवसरवादी, सिद्धांतहीन व बेमेल सत्तालोलूप गठबंधन सरकार है, इसी से पता चलता है कि सरकार के कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर भी भाजपा-जजपा के कथित न्यूनतम साझा कार्यक्रम का अता-पता नही है।

 विद्रोही ने कहा कि वस्तुत: इस सरकार को गठबंधन सरकार कहना ही सत्य से आंख मंूदना होगा। यह गठबंधन सरकार नही अपितु भाजपा-संघ की सरकार है जिसमें जजपा संघीयों की दिहाडीदार मजदूर मात्र है। संघी जजपा को उनकी अपेक्षा से ज्यादा दिहाडी देकर उन्हे अपना बंधुआ बनाकर सरकार चला रहे है। जजपा विधायक खुद सरेआम मीडिया में गाहे-बगाहे कैमरों के सामने कहते रहते है कि दुष्यंत चौटाला व उसके पिता ने भारी पैसा लेकर व अपने निजी हितों के खातिर जजपा को संघीयों के यहां गिरवी रख दिया है। जब भाजपा के कथित गठबंधन सहयोगी जजपा के विधायक ही अपने नेता व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर भाजपा से भारी पैसा लेने व पारिवारिक हित साधने के आरेाप लगाते हो तो किसी अन्य व्यक्ति को इस सरकार के चाल-चरित्र पर कुछ बोलने की जरूरत नही।

विद्रोही ने कहा कि विगत एक साल में जिस तरह प्रदेश की महत्वपूर्ण पोस्टों पर संघी पदाधिकारियों को मोटा चढावा देकर मनचाही पोस्टिंग अफसर पा रहे है। इससे प्रदेश में प्रशासनिक भ्रष्टाचार, कुव्यवस्था व अफसरशाही बेलगाम हो गई है। जब अफसरशाही सत्तारूढ़ दल के सांसद, विधायकों से भी चपरासियों जैसा व्यवहार कर रही है तो ये आम आदमी की क्या गत बनाते होंगे, इस पर कुछ कहने की आवश्यकता नही है।

विद्रोही ने कहा कि भाजपा-जजपा संघी सरकार ने भ्रष्टाचार के सभी रिकार्ड तोड़कर चारो ओर सत्ता बल पर ऐसी लूट मचा रखी है जिससे प्रदेश का हर नागरिक, किसान, मजदूर, व्यापारी, युवा, कर्मचारी, महिला सभी परेशान है। सरकार सत्ता बल पर मीडिया में अपने एक साल के कार्यकाल का मनचाहा ढोल पीटवा ले, पर सरकार को इसका असली जवाब संघीयों को बरोदा उपचुनाव में जनता वोट की चोट करके खुद दे देगी।