बच्चा अपना व परिजनों का नाम तथा पता बताने में था असमर्थ.
बच्चा 06 साल पहले वसन्त कुन्ज, दिल्ली से हुआ था लापता.
पुलिस आयुक्त ने पुलिस टीम की सराहना करते दी शुभकामनाएं

गुरुग्राम ।   पुलिस को आए दिन बच्चों व लोगों के गुम होने के सम्बन्ध में शिकायतें प्राप्त हो रही थी। इस मामलों की गम्भीरता को मध्यनजर रखते हुए के.के. राव पुलिस आयुक्त, गुरुग्राम द्वारा  माह सितम्बर-2020 गुमशुदा शाखा का गठन किया गया। इस शाखा में तैनात किए गए सभी पुलिसकर्मियोंध्अधिकारियों को गुमशुदा को ढूंढने के लिए विशेष ट्रेनिंग दिलाई गई।

पुलिस टीम ने सभी सैल्टर होम्स व विभिन्न एरिया में संदिग्ध, असहाय तथा लावारिश बच्चों व लोगों पर नजर रखनी शुरु की व सैल्टर होम्स में जाकर बच्चों के साथ लगातार कॉऊसलिंग करना शुरु किया। इस शाखा द्वारा गुमशुदाओं की सभी डिटेल ऑनलाईन जीपनेट पर डलवाकर गुमशुदाओं को ढूढने के हर सम्भव प्रयास शुरु किए। पुलिस टीम द्वारा लगातार किए गए रहे गुमशुदाओं के रिकॉर्ड का अवलोकन तथा सैल्टर होम्स में जाकर की जाने वाली कॉऊंसलिंग के दौरान पुलिस टीम ने एक ऐसे बच्चें को ढूंढ निकाला जो अपने नाम के सिवा कुछ नही जानता था और वह दीप उद्यान केयर नरसिंहपुर, गुरुग्राम के नाम से स्थित सैल्टर होम में रह रहा था। पुलिस टीम द्वारा गुमशुदाओं के रिकार्ड के अध्ययन के दौरान इस बच्चें की फोटों से मिलान किया और बच्चें के गुमशुदा होने के स्थान व अभियोग के बारे में जानकारियां एकत्रित की तो पाया कि ’वह बच्चा वसन्त कुन्ज, दिल्ली से 06 साल पहले लापता हुआ था। जिस समबन्ध में वर्ष  2014  में थाना वसन्त कुन्ज, दिल्ली में अभियोग भी अंकित मिला।’ थाना वसन्त कुन्ज, दिल्ली की पुलिस टीम से सम्पर्क किया गया और बच्चें के परिजनों तक गुरुग्राम पुलिस पहूंचने में कामयाब हो गई।

बच्चें के परिजनों को उसका फोटो दिखाया व पहचान कराई तो बच्चें के परिजनों ने अपने बच्चें को पहचान लिया तथा बच्चे के पिता रामचरण निवासी जगबीर का फार्म नजदीक ऑयल डिपो, गाँव घिटोरनी, नई दिल्ली मूल निवासी मध्य-प्रदेश ने पुलिस टीम को बतलाया कि ’इसका बेटा अनुराग, उम्र 03 वर्ष जो वर्ष 2014 में वसन्त कुन्ज, दिल्ली से लापता हो गया था। उन्हें लगता था कि उनका बेटा उन्हें कभी नही मिलेगा। ये अपने बेटे को वापिस मिलने की सभी उम्मीदें छोङ चुके थे। इनका बेटा जब गुम हुआ तब उसकी उम्र 03 वर्ष थी अब 06 साल बाद उनका बेटा पुलिस ने ढूंढकर उन्हें लौटाया है। कमेटी के समक्ष नियमानुसार बच्चें को उसके परिजनों के हवाले किया गया है। 06 साल बाद अपने गुमशुदा बेटे अनुराग को वापिस पाकर बच्चें के परिजन बहुत खुश हुए और गुरुग्राम पुलिस द्वारा उनके बच्चें को ढूंढने के लिए किए गए प्रयास को वो स्ल्यूट करते हुए गुरग्राम पुलिस का हार्दिक दिल से धन्यवाद किया।

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