पुन्हाना, कृष्ण आर्य

 जिले में इन दिनों अधिक्तर सडके खलिहान का रूप ले चुकी है। सडकों पर पडी फसल ना केवल वाहन चालकों के लिये परेशानी का कारण बनी हुई है, बल्कि कई बार सडक पर फसल निकालने के कारण दुपहिया वाहन चालक फिसलकर चोटिल तक हो चुके है।  बीच सडक पर खडे होकर फसल निकालना भी किसानों के लिये जानलेवा साबित हो रहा है।

हर वर्ष ज्वार व बाजरे की फसल काटने के बाद ढेंचा की फसल को किसान सडक पर डालकर ही उनमें से दाने निकालते है।  ढेंचा की फसल पशुओं के पोष्टिक आहार में काम आती है जिसका भाव भी गेंहू से काफी बढकर है। ऐसे में किसान ढेंचा की फसल को अपने खेतों में ना निकालकर उसे सडकों पर रखकर वाहन चालकों के लिये परेशानी खडी कर रहे है।

आपकों बता दें की नूंह जिले की हर छोटी बडी सडक  पर इन दिनों ढेंचा की फसल को  सडक के बीचों बीच पडी देख सकते है। फसल को सडक पर  डालकर किसान तो खेतो में चला जाता है लेकिन उसका परिवार बिना अपने जीवन की  परवाह करे बिना बीच सडक पर बैठकर फसल को इक्ट्ठा करने में लगे रहते है। इलाके के समाजसेविकों ने इस तरह सडक पर फसल डालकर निकालने पर प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किये जाने पर रोष है।

 लोगों का कहना है कि फसल के दाने सडक पर पडे होने से वाहनों ने टायर फिसलते है जिसके कारण हादसा होने का डर लगा रहता है। कई बार दुर्घटनायें हो चुकी है बावजूद इसके लोग सडकों पर फसल को डालने से बाज नहीं आ रहे है। लोगों ने जिला प्रशासन से ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने की मांग की है ताकि सडकें वाहन चालकों के लिये सुरक्षित हो सके।

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